अब आपातकाल में सेवाएं देने से इंकार नहीं कर सकेंगे अस्पताल वाले
आपात उपबंधः- गृह विभाग से मिले आदेशानुसार अत्यावश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में बने रहने के लिए सीएमएचओ ने जारी किए निर्देश
आपातकालीन स्थिति में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण रोकथाम और बचाव के लिए जिला स्तरीय समस्त शासकीय एवं अशासकीय स्वास्थ्य सुविधाओं सहित चिकित्सकीय अमले के साथ आठ अन्य पर छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 लागू
महासमुंद
07 अप्रैल 2020/
यद्यपि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर
प्रदेश स्तरीय आंकलन में संक्रमण फैलाव संबंधी पुष्टिकृत प्रकरणों की संख्याएं अब
अवरोही क्रम में उजागर हो रही हैं। फिर भी सावधानी और सुरक्षा को मद्देनजर
रखते हुए गृह विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग को कर्मचारियों से ली जा रही
सेवाओं में कसावट लाने के लिए आदेशित किया गया है। बता दें कि गृह विभाग
से मिले आदेशानुसार जिले में समस्त शासकीय एवं अशासकीय स्वास्थ्य सेवा
संस्थानों में कोरोना वायरस संक्रमण एवं रोकथाम संबंधी सेवा दायित्वों के
निर्वहन के लिए चिकित्सक, स्टाफ नर्स और स्वास्थ्यकर्मियों सहित अन्य आठ को छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 का
पालन करने के लिए कहा गया है।
तत्संबंध में मुख्य चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे ने जिले के समस्त शासकीय एवं निजी
स्वास्थ्य संस्थानों सभी चिकित्सालयों,
नर्सिंग होम, आयुष एवं एलोपैथी क्लीनिक व प्रयोग शालाओं के लिए निर्देश जारी किए
हैं। जिसमें कार्यालय द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे आदेशों एवं
निर्देशों के परिपालन में शासकीय सेवाओं सहित निजी स्वास्थ्य संस्थाओं का
संचालन भी किया जाएगा। वहीं, 28 मार्च 2020 से राज्य शासन के प्रतिषेधात्मक आदेशानुसार छत्तीसगढ़ आवश्यक सेवा संधारण एवं विचिछन्नता निवारण अधिनियम 1979 (क
10 सन 1979) की धारा 04 की उप धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए आवश्यक
सेवाओं में कार्य करने से इंकार किए जाने की प्रवृति पर रोक लगा दी गई है।
उक्त संदर्भ में जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि
यह आदेश समस्त शासीकय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय संस्थाओं
पर लागू कर दिया गया है।
जिसमें क्रमशः समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं में चिकित्सक, नर्स व स्वास्थ्यकर्मियों, स्वच्छता कर्मचारियों सहित मेडिकल उपकरण एवं दवाओं की बिक्री, संधारण एवं परिवहन, खाद्य एवं पेय जल प्रावधान-प्रबंधन, बिजली-पानी की सुविधाएं, एम्बुलेंस सुविधा, बीएमडब्लू कचरा प्रबंधन व सुरक्षा संबंधी सेवाओं को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि संबंधित कार्यों के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों को आवश्यकता अनुसार कभी भी काम पर लगाया जा सकता है वे सौंपे गए दायित्व के निर्वहन करने से मना नहीं कर सकते। कार्यभार मिलने के बावजूद दिए गए कायों का संपादन नहीं किए जाने की स्थिति में नियमानुरूप कार्रवाई की जा सकती है।