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फलफूल रहा कच्ची शराब का अवैध कारोबार, शराब शौकीन शहर से पहुँच रहे गाँव, लॉकडाउन का हो रहा उलंघन.

छत्तीसगढ़ में शराब दुकान के बंद होने से कच्ची शराब की मांग इतनी ज्यादा है कि शहर के लोग अब शराब लेने गाँव की तरफ आ रहे है, और रास्ते में ही शराब पीकर इधर-उधर घूम-फिर रहे है. जहाँ एक तरफ कोरोना संक्रमण के चलते पुरे देश भर में लॉकडाउन है, तो वहीं दूसरी तरफ कच्ची शराब बनाने वालों के लिए यह सोने पे सुहागा हो रहा है.

इस मौसम में महुआ पेड़ में पककर गिरने लगे है, जिसे लोग गाँव में रहकर इकटा कर अब इसे शराब बनाने का धंधा में लगे है. ऐसा नहीं है कि कच्ची शराब बनाने का यह कोई नया कारोबार है, कारोबार पुराना है पर लॉकडाउन के चलते तेजी से फल फूल रहा है. और साथ ही लोगों को जरुरी काम के अलावा शराब लेने और पीने वालों का आना जाना बहुत ज्यादा देखने को मिल रहा है.

हालाकि गाँव में लॉकडाउन के चलते रह रहे लोग अब मुखबिरी भी करने लगे है, जिसके चलते पुलिस भी अब भारी मात्रा में शराब पकड़ने लगी है, इसमें से अधिकतर आरोपी 5 लीटर से कम शराब लेकर बेचने के लिए निकलते है जिससे पुलिस की कार्यवाही में ये तुरंत छूटकर एक बार फिर इस धंधे में संलिप्त हो जाते है.

वहीं इसे पीने के शौकीन भी लॉकडाउन तोड़कर शहर से दूर ग्रामीणो क्षेत्रो में देखने को नही मिल रहे है, जिसमे एक ऐसा व्यक्ति आज पुलिस के हाथ लगा जो महासमुन्द से शराब पीने रायतुम पहुँच गया था, और वह रायतुम के वन विभाग के बेरियर से नशे की हालत में टकरा गया, जिसे काफी चोट लगी. जब पुलिस और ग्रामीणों ने इसे देखा तो उठाया और पाया कि उक्त युवक नशे में था, जिसकी गाड़ी की डिक्की में 4 खाली बोतल थी, और उस बोतल से महुआ शराब की बदबू आ रही थी. जिससे साफ जाहिर होता है, ये भी शराब लेने की लिए ही आ रहा था और बेरियर से टकरा गया.

आपको बता दें कि इसके थोड़े ही दूर बाद महासमुंद जिले की सीमा समाप्त ही जाती है, और जिला बलौदाबाज़ार शुरू हो जात है, ऐसे में महासमुंद से शराब के नशे में व्यक्ति लॉकडाउन में इतनी दूर कैसे पहुँच जाता है यह प्रश्न का विषय है.




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