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एक ही दिन में पचास से अधिक यूनिट रक्त का दान किया गया

सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के नियमों का भली प्रकार पालन करते हुए पचास से अधिक दानदादाताओं ने जिला चिकित्सालय में रक्त दान कर जरूरतमंदों के लिए रक्त उपलब्ध कराया

महासमुंद 06 मई 2020/ रक्तदान और इससे जुड़े मिथकों का सच जानने वाले रक्तदान के लिए सहभागिता निभाने में संकोच नहीं करते। इस ओर जरूरतमंदों के लिए रक्त-भंडारण कर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के महत्वकांक्षी प्रयासों पर भी जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला चिकित्सालय की रक्त भंडारण इकाई में पूर्व नियोजित आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों जहां, कोरोना वायरस संक्रमण के मंडराते हुए खतरे को देखते हुए जिला चिकित्सालय परिसर में चाक-चैबंध व्यवस्था बनाई गई है और मास्क या मुंह ढंकने का कपड़ा पहने बिना प्रवेश वर्जित करने के साथ-साथ उपस्थित मरीज एवं उनके परिजनों के हांथ बार-बार धुलवाए जा रहे हैं। वहीं, ब्लड बैंक के अधिकारी डाॅ विपिन बिहारी अग्रवाल द्वारा उचित प्रबंधकीय कार्य संपादन के लिए विगत 48 घंटों तक लगातार मेहनत कर व्यवस्था बनाई गई, जिसमें संक्रमण खतरे से आगाह कर स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष टीप देते हुए ब्लड बैंक के कोने-कोने तक को सैनिटाइज्ड किया गया। इस दौरान जिला चिकित्सालय में 05 मई 2020 को सुबह 10ः00 बजे से शाम 05ः00 बजे तक दानदाताओं का तांता लगा रहा।

महासमुंद के पूर्व विधायक डाॅ. विमल चोपड़ा एवं उनके सहयोगियों की उपस्थिति में एक ही दिन में पचास से अधिक दानदाताओं ने तकरीबन चार दर्जन यूनिट रक्त दान कर भंडारण इकाई में पर्याप्त स्टाॅक स्थापित करने में अभूतपूर्व सहयोग प्रदान किया। डा.ॅ अग्रवाल से मिली जानकारी के मुताबिक अधिकांशतः एनिमिक, सिकल सेल या दुर्घटना एवं शल्य क्रिया आदि के समय पूर्ति न हो पाने के प्रकरणों में संधारित रक्त कोष के उपयोग की आवश्यकता पड़ती है। इसी भंडारण को बढ़ाने सहित लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से आयोजन किया गया। जिसमें नियमानुरूप आवश्यक रक्त जांच एवं निर्धारित मापदंड अनुसार प्रति दानदाता साढ़े तीन सौ एमएल रक्त प्राप्त कर सुरक्षित किया गया है।

सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल ने भी ऐसे आयोजनों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अक्सर लोग रक्त दान के संबंध में व्याप्त भ्रांतियों के चलते नकारात्मक मानसिकता बना लेते हैं। जबकि यह महादान की श्रेणी में आता है और अनिवार्य स्वास्थ्य जांच के पश्चात ही रक्त लिया जाता है, यह पूर्णतः सुरक्षित है। प्रतिदिन जिला चिकित्सालय की रक्त भंडारण इकाई प्रतिदिन सुबह 10ः00 बजे से शाम 05ः00 तक संचालित होती है। उन्होंने आमजनों से अपील की है कि इसके लिए जागरूकता की आवश्यकता है इसलिए जिला चिकित्सालय आए और रक्त दान महादान में सहभागी निभाएं। 

भ्रांतियां दूर कर इन बातों पर दें ध्यान

लोगों को लगता है शाकाहारी लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। टैटू बनवाने और अंग छिदवाने से रक्त दान पर प्रतिबंधित होने की धारणा भी गलत है। जो लोग एचआईवी, हेपेटाइटिस, तपेदिक के लिए धनात्मक पाए जाते हैं, वे रक्तदान नहीं कर सकते। किसी भी तरह के मादक पदार्थ का सेवन करने की स्थिति में रक्त नहीं लिया जाता। अगर आप पूर्ण रूप से सेहतमंद हैं तो रक्त दान कर सकते हैं। रक्तदान के लिए शरीर में कम से कम साढ़े 12 ग्राम रक्त की मात्रा होनी चाहिए। वजन कम से कम 50 किलो और ज्यादा से ज्यादा 160 किलो, 18 वर्ष से लेकर 66 वर्ष के उम्र के लोग रक्त दान कर सकते है।






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