युवाओं को दिया जाएगा विभिन्न भाषाओं में प्रशिक्षण
महासमुंद 11 मई 2020/ शासन द्वारा सिरपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर में
पर्यटन मानचित्र पर विशेष पहचान दिलानें के लिए विशेष प्रयास किए जा रहें
हैं। महासमुंद जिले में पवित्र महानदी के तट पर स्थित सिरपुर का अतीत
सांस्कृतिक विविधता व वास्तुकला से ओत-प्रोत है। सिरपुर प्राचीन समय से ही
ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के कारण आकर्षण का केन्द्र रहा है। इसे
05वीं शताब्दी के आस-पास बसाया गया था।
ऐसे प्रमाण मिलते है कि 06ठीं
शताब्दी से 10वीं शताब्दी तक यह बौद्ध धर्म का प्रमुख स्थल रहा है। इसके
अलावा यहां विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों का समावेश देखने को मिलता हैं।
खुदाई में यहां प्राचीन बौद्ध मठ के साथ अनेक मंदिर, देवालय प्राप्त हुआ
हैं।
सिरपुर को कला के शाश्वत नैतिक मूल्यों, सांस्कृतिक, वास्तुकला,
धार्मिक मान्यताओं व स्थापत्य शैली के अनुपम संग्रह तथा वैज्ञानिक
दृष्टिकोण के कारण पहचाना जाता हैं। इतिहासकारों के अनुसार 06ठीं शताब्दी
मंे चीनी यात्री व्हेनसांग भी यहां आए थे। उल्लेखनीय है कि सिरपुर में
06ठीं शताब्दी में निर्मित भारत का सबसे पहला ईंटों से बना प्राचीन मंदिर
स्थित हैं। सिरपुर प्राचीन काल में श्रीपुर के नाम से विख्यात रहा।
सोमवंशीय शासकों के काल में इसे दक्षिण कौशल की राजधानी होने का गौरव भी
प्राप्त था।
जिला प्रशासन द्वारा जिले के युवाओं को पर्यटन गाईड के लिए
विभिन्न भाषाओं के माध्यम से पर्यटन स्थलों की जानकारी उपलब्ध कराने के
लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। जैसे तमिल, मंडरिन, कोरियन, जापानिस, श्रीलंकन
एवं अंग्रेजी भाषाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के
ईच्छुक युवा नोडल अधिकारी श्री रेखराज शर्मा के मोबाईल नम्बर 99778-88775
पर सम्पर्क कर सकते है।