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नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, शासकीय भूमि के आबंटन एवं वार्षिक भू-भाटक के वसूली एवं स्थायी नजूल पट्टों का भूमिस्वामी हक प्राप्त करने के लिए योजना का लाभ उठाएं

महासमुंद 12 मई 2020/ राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, शासकीय भूमि के आबंटन एवं वार्षिक भू-भाटक के वसूली व स्थायी नजूल पट्टों का भूमिस्वामी हक प्राप्त करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के द्वारा योजनांतर्गत किए गए कार्यांे की समीक्षा की गई। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि जिले के नगरीय क्षेत्रों में 20 अगस्त 2017 के पूर्व के अतिक्रमित 7500 वर्गफीट तक की शासकीय भूमि के 30 (तीस) वर्षीय पट्टे पर आबंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के लिए सर्वेक्षित 3 हजार 679 अतिक्रामक (व्यक्ति) द्वारा भूमिस्वामी हक में भूमि चाहता है तो बाजार मूल्य के 150 प्रतिशत प्रब्याजी राशि लेने तथा भूमिस्वामी हक की प्राप्ति के लिए बाजार मूल्य का 02 प्रतिशत के समतुल्य राशि जमा कराने को कहा हैं। यदि शासकीय भूमि के 30 (तीस) वर्षीय पट्टे पर आबंटन चाहता है तो वे बाजार मूल्य का 102 प्रतिशत के समतुल्य राशि जमा करने के लिए प्रस्तुत किये गए 628 सहमति आवेदन पत्रों का निराकरण तत्काल सुनिश्चित करें। साथ ही शेष 3051 अतिक्रामक (व्यक्ति) को व्यक्तिसः प्रकरण दर्ज करने और नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारियों एवं तहसीलदार को दिए हैं। उन्होंने संबंधित भू-स्वामियों को इस योजना के तहत् लाभ उठाने कहा हैं।    

कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि  52,500 वर्गफीट भूमि लिए के रिक्त शासकीय भूमि के आबंटन हेतु 07 आवेदन-पत्र, अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली कोे प्राप्त हुए है, इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सरायपाली को निर्देशित किया गया है और उन्हें प्राप्त आवेदन पत्रों में प्रकरण दर्ज कर भूमि आबंटन की कार्यवाही तत्काल करने के लिए कहा गया हैं। इसके अलावा जिले के अन्य अनुविभागीय अधिकरियों को भी रिक्त शासकीय भूमि के आबंटन के लिए तत्काल आवेदन प्राप्त कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने इस योजना के तहत् प्राप्त आवेदनों के निराकरण एवं कार्रवाई करने को कहा हैं।

 उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के निर्देशानुसार भूमिस्वामी द्वारा गैर कृषि प्रयोजन के लिए धारित भूमि (परिवर्तित भूमि) के संदर्भ में निर्धारित वार्षिक भू-भाटक की राशि को 15 वर्ष के लिए एकमुश्त भुगतान करने पर भूमिस्वामी को आगामी 15 वर्ष (16वें वर्ष से लेकर 30वें वर्ष) के वार्षिक भू-भाटक के भुगतान से छूट प्राप्त होगी। इस संबंध में योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है ताकि इस योजना का लाभ संबंधित भू-स्वामी उठा सकें। उन्होंने जारी आदेश में यह भी कहा हैं कि जिले के बडे बकायादारों की ग्रामवार सूची तैयार करें, जिसमें राईस मील, पेट्रोल पम्प, फर्शी पालिशिंग, अन्य व्यवसायिक शामिल हैं के साथ अन्य बकायादारों को भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानुसार मांग पत्र जारी कर वित्तीय लक्ष्य के शत् प्रतिशत वसूली करने के निर्देश तहसीलदारों को दिए हैं ।

जारी निर्देशों में गैर रियायती स्थाई पट्टेदारों के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों के तहत् कहा गया है कि  यदि पट्टेदार अपनी पट्टे पर प्राप्त भूमि को भूमिस्वामी अधिकार प्राप्त करना चाहता है तो, उसे प्रचलित गाइड लाइन दर के आधार पर भूमि के बाजार मूल्य के 2 प्रतिशत के बराबर राशि जमा करनी होगी। रियायती स्थाई पट्टेदार प्रदत्त पट्टे की भूमि के संबंध में भूमिस्वामी अधिकार प्राप्त करना चाहता है तो उनसे प्रचलित गाइड लाइन दर के आधार पर भूमि के बाजार मूल्य के 100 प्रतिशत के बराबर राशि रियायती पट्टे को गैर रियायती पट्टे में परिवर्तित करने के लिए तथा भूमि के बाजार मूल्य के 2 प्रतिशत के बराबर राशि पट्टे की भूमि को भूमिस्वामी हक में परिवर्तित करने के मामलों में प्रगति लाने के निर्देश दिए गए हैं।




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