भारत में चार करोड़ प्रवासी श्रमिक हैं, अब तक 75 लाख घर लौटें हैं :गृह मंत्रालय
केंद्र ने शनिवार को कहा कि देश भर में करीब चार करोड़ प्रवासी श्रमिक
विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू होने के
बाद से अब तक उनमें से 75 लाख लोग ट्रेनों और बसों से अपने घर लौट चुके
हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला
श्रीवास्तव ने कहा रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी श्रमिकों को
उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये एक मई से 2,600 से अधिक श्रमिक विशेष
ट्रेनें चलाई हैं।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पिछली जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक देश में चार करोड़ प्रवासी श्रमिक हैं।’’
देश में 25 मार्च (जब राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन शुरू हुआ) से प्रवासी
श्रमिकों की सुविधा के लिये केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे
में विस्तार से बताते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि श्रमिक विशेष ट्रेनों से 35
लाख प्रवासी श्रमिक अपने गंतव्य तक पहुंच गये हैं, जबकि 40 लाख प्रवासियों
ने अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिये बसों से यात्रा की।
संयुक्त सचिव ने कहा कि 27 मार्च को गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों
एवं केंद्र शासित प्रदेशों को यह परामर्श भेजा था कि प्रवासी श्रमिकों के
मुद्दे को संवेदनशीलता से लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे लॉकडाउन
के दौरान अपने मौजूदा स्थान को छोड़ कर नहीं जाएं।
उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासी श्रमिकों को भोजन एवं आश्रय उपलब्ध कराने को भी कहा गया।
उन्होंने कहा कि इसके बाद भी प्रवासी श्रमिकों को लेकर कई बार राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श भेजे गये।