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टिड्डी दल से फसलों को बचाने किसानों से सतर्क रहने की अपील

कृषि विभाग ने राज्य में टिड्डी दलों के आगमन की संभावना को देखते हुए फसलों के बचाव हेतु किसानों को सतर्क रहने को कहा है। कृषि विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार टिड्डी दल राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से होते हुए तेजी से छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहा है। अगले कुछ दिनों में इसके छत्तीसगढ़ आने की प्रबल संभावना जताई गई है। इसको देखते हुए कृषि विभाग द्वारा टिड्डी दल से फसलों के बचाव के लिए वैज्ञानिक, प्राकृतिक एवं परम्परागत उपाय करने की सलाह कृषकों को दी गई है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टिड्डियों का झुंड एक घण्टे में कई एकड़ फसल को बर्बाद कर देता है। फसलों को खाते हुये टिड्डियों का दल आगे बढ़ता जाता है। प्रायः रात में ये खेतों में रुककर फसलों को खाती हैं। मादा टिड्डी रात में ही 500 से 1500 अण्डे देकर सवेरे आगे बढ़ जाती हैं। टिड्डी के एक दल में लाखों की संख्या में कीट होते हैं और रास्ते में आने वाले फसल, वनस्पतियां और हरे पेड़-पौधे को खाते और नुकसान पहुंचाते हुए बढ़ते हैं। विभाग द्वारा टिड्डियों का फसलों पर हमला होने पर मेलाथियान 96 प्रतिशत यूएलवी, क्विनोलफोस क्लोरापयरिफोस, फिप्रोनिल 5 प्रतिशत एससी 6.25 ग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव की सलाह कृषकों को दी गई है।

इसके अलावा शाम के समय थाली बजाने अथवा खेत में पटाखे फोड़कर आवाज उत्पन्न करके टिड्डियों को भगाया जा सकता है। कृषि एवं उद्यान विभाग के सभी मैदानी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को अनुशंसित दवायें भंडारित कर रखने एवं स्थानीय कृषि दवाई दुकान वालों को पर्याप्त स्टॉक रखने को कहा है। किसी भी इलाके में टिड्डी दल के आने की सूचना मिले तो कृषि विभाग के नियंत्रण कक्ष किसान हेल्प लाइन टोल फ्री नंबर-18002331850 पर सूचना देने को कहा है, ताकि टिड्डियों के प्रकोप की रोकथाम के लिए तत्काल आवश्यक उपाय किए जा सके।




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