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लॉकडाउन के दौरान भाजपा के राहत कार्य इतिहास में सबसे बड़ा ‘सेवा यज्ञ’ : मोदी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की सहायता के वास्ते भाजपा द्वारा किये गये राहत कार्यों के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए शनिवार को कहा कि यह ‘‘इतिहास का सबसे बड़ा सेवा यज्ञ’’ है।

‘सेवा ही संगठन’ की ऑनलाइन बैठक में सात राज्यों के भाजपा अध्यक्षों ने उनके द्वारा किए गए राहत कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत कीं। बैठक में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने आगाह किया कि कोविड-19 का खतरा बना हुआ है और त्योहार का मौसम शुरू होने वाला है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने और जागरुकता फैलाने को कहा।

किसी राजनीतिक दल के लिए जनता की सेवा के मूल्यों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्य दलों के लिए संगठन केवल चुनाव जीतने का औजार हो सकता है लेकिन भाजपा के लिए यह ऐसा नहीं है।

मोदी ने कहा कि जिस वक्त सभी लोग खुद को बचाने में व्यस्त हैं, उस समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुद को गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया।

उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता कोविड-19 महामारी के दौरान कल्याणकारी कार्य करने के लिए जोखिम ले रहे हैं और कुछ ने तो अपनी जान गंवा दी।

मोदी ने कहा, ‘‘भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 के संकट के दौरान इतने लंबे समय तक और इतने बड़े स्तर पर जो देशव्यापी कल्याणकारी काम किये हैं, वह इतिहास में सबसे बड़ा ‘सेवा यज्ञ’ है।’’

जनता की सेवा को भाजपा का दर्शन बताते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा के लिए सत्ता, जनता की सेवा का माध्यम है, लाभ पाने का नहीं।

उन्होंने कहा कि पार्टी ने गरीबों और पिछड़े वर्गों को सशक्त किया है तथा उसके 52 अनुसूचित जाति के सांसद , 43 अनुसूचित जनजाति के सांसद तथा 113 ओबीसी सांसद इस बात का प्रमाण हैं।

मोदी ने कहा कि जनता की सेवा करना भाजपा के राष्ट्रवादी कार्यों का हिस्सा है और भाजपा कार्यकर्ता के लिए देश प्रथम है और सबसे पहले आता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी के मूल्यों में राष्ट्रवाद अंतर्निहित है।

उन्होंने पार्टी नेताओं से संगठन के कल्याणकारी कार्यों पर डिजिटल पुस्तिकाएं तैयार करने और 25 सितंबर को पार्टी संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर इन्हें निकालने को कहा।

मोदी ने कहा कि ये पुस्तिकाएं तीन भाषाओं- हिंदी, अंग्रेजी और राज्य की मातृभाषा में होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने एक बार पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच ‘सात स’ की बात की थी जो ‘सेवा भाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भाव और संवाद’ हैं और ये हाल के राहत कार्यों में दिखाई दिए।

डिजिटल बैठक में भाजपा की बिहार इकाई के राहत कार्यों पर मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को लगता था कि पूर्वी भारत में अधिक गरीबी के कारण कोविड-19 ज्यादा फैलेगा, लेकिन लोग गलत साबित हुए।

लॉकडाउन के दौरान भाजपा की राजस्थान इकाई के कार्यों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि कोई पार्टी संकट के दौरान सकारात्मक भूमिका कैसे निभा सकती है, चाहे वह सत्ता में हो या विपक्ष में। राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में है।

मोदी ने महाराष्ट्र और बिहार इकाइयों के कामकाज की तारीफ मराठी और भोजपुरी भाषाओं में करके कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्द्धन किया।

बैठक की अध्यक्षता करने से पहले मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में देश भर में पार्टी कार्यकर्ता अथक काम कर रहे हैं और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए देश की सेवा सबसे पहले है।’’

भाजपा की प्रदेश इकाइयों ने लॉकडाउन के दौरान जनसेवा कार्यों और संपर्क कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री के समक्ष एक रिपोर्ट कार्ड पेश किया।

बैठक की शुरुआत में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने संकट के इस समय में अनुकरणीय नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की और कहा कि महामारी से निपटने में उनके फैसलों की दुनियाभर में सराहना हुई है।

नड्डा ने लॉकडाउन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये संपूर्ण राहत कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया और कहा कि करीब चार लाख कार्यकर्ताओं ने बुजुर्गों और बीमारों की मदद की।

डिजिटल बैठक में यहां दिल्ली मुख्यालय से केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और गिरिराज सिंह ने भी भाग लिया, वहीं मोदी अपने आवास से वीडियो लिंक के माध्यम से इसमें जुड़े।




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