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खरपतवार नियंत्रण से धान की बेहतर पैदावार निदानाशक का उचित इस्तेमाल जरूरी

धान फसल के उत्पादन में वृद्धि के लिए हानिकारक कीट की रोकथाम और खरपतवारों का समय पर नियंत्रण आवश्यक है। सही समय में नियंत्रण नहीं होने से फसल की उत्पादकता प्रभावित तो होती ही है, साथ ही किसानों को इसका सीधा नुकशान उठाना पड़ता है। कृषि विकास एवं कृषक कल्याण विभाग के वैज्ञानिकों ने प्रदेश के किसानों को धान की खेती में होने वाले अनावश्यक खरपतवार की रोकथाम के लिए कई उपयोगी सलाह दी है।

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि खरीफ मौसम में धान का थरहा बोने के तीन से चार दिन के भीतर प्रति हेक्टेयर में थायोबेन्कार्प निदानाशक 1.5 किलोग्राम या आक्साडायर्जिल निदानाशक 70 से 80 ग्राम का छिड़काव करना चाहिए। बोता विधि से धान बोने पर अंकुरण पूर्व खरपतवार प्रबंधन के लिए प्रेटिलाक्लोर 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से बोआई के तीन से पांच दिन के अंदर डालने पर खरपतवार नियंत्रण में फायदेमंद होता है। वैज्ञानिकांे ने बताया कि आक्साडायर्जिल 32 ग्राम प्रति एकड़ की दर से बोआई के तीन दिन के अंदर और पायरोजोसल्युरान 10 ग्राम प्रति एकड़ के दर से बोआई के बाद दस से बारह दिन के अंदर डालना चाहिए।




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