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EMI को लेकर ग्राहकों में कन्फ्यूजन बरकरार, ग्राहकों की पैसा पटाने के लिए बना रहे दबाव.

रिजर्व बैंक ने भले ही लोन लेने और क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि वाले ग्राहकों को यह राहत दे दी हो कि वे चाहें तो अगले तीन महीने तक अपने लोन की किस्त न चुकाएं. लेकिन किसी भी बैंक ने अभी तक ग्राहकों को इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी.

अब EMI को लेकर ग्राहकों में कन्फ्यूजन सी हो गई है क्योंकि रिजर्व बैंक की ओर से राहत दी गई है, वहीं दूसरी तरफ सभी बैंकों ने इस मामले में चुप्पी साधे हुए है. और अब ये अपने गाहकों से क़िस्त पटाने के लिए दबाव बना रहे है, और बतमीजी भी करना शुरू कर दिए है.

मामला HDFC बैंक का है जो भारतीय रिजर्व बैंक के कोरोना वायरस और लॉकडाउन की स्थितियों को देखते बनाए गए नियम को ताक में रखते हुए अपने ग्राहकों से लोन और क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कह रहा है.

कई लोग अब भी ऐसे है जो इस लॉकडाउन से अत्याधिक प्रभावित हुए है, बैंक उनकी परेशानियों को सुनने की बजाय अब बतमीजी पर उतर आने लगा है और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बनाये गए नियम को नहीं मान रहा है. इस लॉकडाउन के दौरान कई लोगों की नौकरियां भी चली गई लेकिन बैंक को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.  जिसके बाद अब लोगों को लगने लगा है कि केंद्र सरकार ने बेवजह लॉकडाउन कर लोगों को मुसीबत में डाल दिया है.

गौरतलब है कि RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लोन मोरटोरियम छूट को 31 अगस्त तक कर दिया था.




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