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इंद्रावती नदी तट पर बस्तर जिले में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम : 2136 हेक्टेयर क्षेत्र में 82 हजार फलदार पौधा रोपण का लक्ष्य

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप प्रदेश में पोषक और औषधिगुणों तथा फलदार पौधे का बड़े पैमाने पर रोपण किया जा रहा है। बस्तर जिले के इन्द्रावती नदी तट पर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम ’आमचो इंद्रावती-कठा लगाऊ बुटा’ के तहत 153.910 किलोमीटर लम्बाई में 2135.92 हेक्टेयर भूमि में 82 हजार फलदार पौधा रोपण का कार्य किया जा रहा है। जिसमें राजस्व, निजी तथा कुछ वन भूमि शामिल है। यहां बरगद, पीपल, नीम, आम, कटहल, जामुन जैसे फलदार पौधों को लगाया जा रहा है। निजी भूमि पर यथासंभव संबंधित किसान के पसंद अनुसार पौधे लगायें जायेंगे। पौधों की गिनती आसानी से किया जा सके इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से जिओ टैग ’आमचो बस्तर भूमि एप’ बनाया गया है। नदी तट वृक्षारोपण कार्य में व्यापक स्तर पर जन भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों में जुड़ाव महसूस कराने के उद्देश्य से इस वृक्षारोपण कार्यक्रम को “आमचो इन्द्रावती-कठा लगाऊ बुटा” नाम दिया गया है।

जिला प्रशासन बस्तर के द्वारा पौधारोपण हेतु भूमि के चिन्हांकन से लेकर पौधों का रोपण एवं सुरक्षा के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर एक क्रियान्वयन एवं सुरक्षा समिति बनाई गई है, जिसमें राजस्व, पंचायत एवं वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी को शामिल किया गया है, जिससे बेहतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित हो सके। ग्राम पंचायत स्तर पर ही 8 व्यक्तियों, युवाओं की दूसरी समिति बनाई गई है, जिसमें पढ़े-लिखे एवं इन्द्रावती तथा पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूक व्यक्तियों, युवाओं को शामिल किया गया है, जो स्वप्रेरित होकर पौधारोपण एवं उसके सुरक्षा का कार्य करने के इच्छुक है। इसके साथ ही “इन्द्रावती बचाओ आन्दोलन” के सदस्यों की भी इसमें सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।




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