news-details

शिशु संरक्षण माह : नवजात शिशुओं को कुपोषण से बचाने आयरन और विटामिन की खुराक

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बच्चों को विभिन्न बिमारियों और कुपोषण से बचाने के लिए राज्यव्यापी शिशु संरक्षण माह के दौरान बच्चों को टीकाकरण और विटामिन और आयरन फोलिक एसिड की खुराक दी जाएगी। खाद्य एवं संस्कृति और बालोद जिले के प्रभारी श्री अमरजीत भगत ने वीडियों कांफ्रेसिग के माध्यम से जिले के स्वास्थ्य अमले को शिशु संरक्षण माह के व्यवस्थित आयोजन के साथ-साथ मौसमी बिमारियों से बचाव और सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। 

मंत्री  भगत ने गत दिनों विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले में चल रहे विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जिले में मौसमी बीमारी से बचाव और रोकथाम के लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयों का भंडारण और चिकित्सा उपकरणों को दुरूस्त रखने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को डायरिया और मलेरिया संभावना स्थानों में शिविर लगाकर स्वास्थ्य जांच कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कराने के भी निर्देश भी दिए हैं।

बलोद जिले में शिशुओं की सुरक्षा और कुपोषण दूर करने के लिए 14 जुलाई से 14 अगस्त तक शिशु संरक्षण माह का आयोजन किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि जिले में शिशु संरक्षण माह में गांव-गांव में शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों के माध्यम से लगभग 63 हजार 138 बच्चों को विटामिन‘ए‘ की खुराक और लगभग 67 हजार 929 बच्चों को फोलिक एसिड सीरप की खुराक दी जाएगी।

बच्चों को विटामिन ‘ए‘ और आयरन सिरप की खुराक देते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। विटामिन ‘ए‘ और आयरन की खुराक से बच्चों को कुपोषण से बचाया जाता है। साथ ही इससे बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होता है। 09 माह से 01 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को विटामिन ‘ए‘ की खुराक एक एम.एल., एक वर्ष से 05 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को दो एम.एल. और छह माह से 05 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को एक एम.एल. प्रति सप्ताह आयरन फोलिक एसिड सीरप की खुराक दी जाएगी।




अन्य सम्बंधित खबरें