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सचिव,संचालक सहित 20 वरिष्ठ अधिकारी अचानक पहुंचे 16 जिलों में महिलाओं और बच्चों के पोषण व्यवस्था का लिया जायजा

महिलाआंे और बच्चों की पोषण सुरक्षा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्राथमिकताओं में है। इसे ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन की स्थिति में महिलाओं और बच्चों का पोषण प्रभावित न हो इसके लिए शासन स्तर पर आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के दौरान आंगनबाड़ियां बंद हैं ऐसी स्थिति में मैदानी स्तर पर महिलाओं और बच्चों तक योजनाओं की सुगम पहुंच और स्थिति जानने 9 और 10 जुलाई को महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर की अगुवाई में संचालक दिव्या उमेश मिश्रा सहित 20 वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदेश के 16 जिलों का आकस्मिक निरीक्षण किया।

सचिव प्रसन्ना ने जांजगीर-चांपा जिले का दौरा कर अकलतरा परियोजना और संचालक मिश्रा ने जिले की जैजेपुर परियोजना में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन, पूरक पोषण आहार वितरण, रेडी टू ईट की गुणवत्ता सहित विभिन्न योजनाओं की जांच की। इस दौरान उन्होंने हितग्राहियों से बातचीत कर रेडी टू ईट और टेक होम राशन मिलने सहित अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी ली।  प्रसन्ना ने पूरक पोषण आहार वितरण संबंधित शिकायतों का निराकरण करते हुए इसकी नियमितता सुनिश्चित करने के निर्देश जिला कलेक्टर को दिए हैं। निरीक्षण के दौरान उन्होंने रेडी टू ईट और उसकी सामग्री को चखकर प्रारंभिक गुणवत्ता की भी जांच की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों ने रायपुर, महासमुंद, धमतरी, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, दुर्ग, बालोद, राजनांदगांव, बेमेतरा, कबीरधाम, बिलासपुर, गौरेला-पोण्ड्रा-मरवाही, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और मुगेली जिलों का दौरा कर योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति की जानकारी ली।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विभाग द्वारा लॉकडाउन की स्थिति में टेक होम राशन, रेडी टू ईट का घर-घर वितरण कर पोषण सुरक्षा और सजग और चकमक अभियान शुरू कर घर पर ही बच्चों की देखभाल और प्रारंभिक शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश के सभी 5 संभागों में जिलेवार विभागीय की योजनाओं, कार्यक्रमों और अन्य समसामयिक विषयों के मूल्यांकन के लिए अधिकारियों को दायित्व सौंपा गया है।




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