बुरा दौर बीता, कृषि क्षेत्र कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करेगा : रिपोर्ट
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरा दौर अब संभवत: बीत चुका है। वित्त
मंत्रालय की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर मानसून की संभावना को देखते हुए कृषि
क्षेत्र कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने में महत्वपूर्ण
भूमिका निभा सकता है।
आर्थिक मामलों के विभाग की ओर से जारी जुलाई की वृहद आर्थिक
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के संकट के बाद भारत अब पुनरोद्धार की
राह पर है। इसमें सरकार और केंद्रीय बैंक की नीतियों से समर्थन मिला है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अनलॉक के चरण में हैं। इससे पता
चलता है कि अर्थव्यवस्था का बुरा समय बीत गया है। हालांकि, कोविड-19 के
बढ़ते मामलों और विभिन्न राज्यों में बारी-बारी से लग रहे लॉकडाउन से जोखिम
कायम है।
रिपोर्ट कहती है कि कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी तथा इसकी वजह
से राज्यों द्वारा कुछ-कुछ दिनों लिए लगाए जा रहे लॉकडाउन से सुधार की
संभावनाएं कमजोर पड़ रही हैं। ऐसे में इसकी निरंतर निगरानी करने की जरूरत
है।
हालांकि, रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र को लेकर भरोसा जताया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के
झटकों से उबरने में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र को कोविड-19 की वजह से
लागू लॉकडाउन से जल्दी और सही समय पर छूट दी गई, जिससे रबी फसलों की कटाई
समय पर हो सकी। साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई भी की जा सकी। रिपोर्ट कहती है
कि गेहूं की रिकॉर्ड खरीद से किसानों के हाथों में 75,000 करोड़ रुपये गए
हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में निजी उपभोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर, 2019 से व्यापार का रुख कृषि
क्षेत्र की ओर हुआ है जिससे ग्रामीण मांग बढ़ाने में मदद मिली है। इससे
मार्च से जून, 2020 से ग्रामीण क्षेत्रों की मुख्य मुद्रास्फीति बढ़ी है।
रिपोर्ट में हालिया कृषि क्षेत्र के सुधारों का उल्लेख करते हुए
कहा गया है कि इससे कृषि क्षेत्र नियंत्रण मुक्त हुआ है। साथ ही इनसे किसान
सशक्त हुए हैं और वे भारत के विकास की कहानी का एक बड़ा और अधिक स्थिर
भागीदार बन सके हैं।
अर्थव्यवस्था में सुधार के कुछ संकेतों का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट
में कहा गया है कि औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की गतिविधियों तथा आठ
बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में गिरावट अप्रैल की तुलना में मई में कम
हुई है। इसी तरह जून में भारत का विनिर्माण पीएमआई 47.2 पर पहुंच गया। मई
में यह 30.8 पर था। सेवा पीएमआई मई के 12.6 से जून में 33.7 पर पहुंच गया।