news-details

प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों ने लोगों से हाथों से बने उत्पादों को प्रोत्साहित करने को कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह, निर्मला सीतारमण तथा पीयूष गोयल समेत शीर्ष केंद्रीय मंत्रियों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर सोशल मीडिया पर लोगों से हाथों से बने उत्पादों को प्रोत्साहित (वोकल फॉर हैंडमेड) कर आत्मनिर्भर भारत के प्रयासों को मजूबती प्रदान करने को कहा।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर हम अपने जीवंत एवं ऊर्जावान हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को नमन करते हैं। इन अनुकरणीय लोगों ने हमारे राष्ट्र के स्वदेशी शिल्प को संरक्षित करने के लिए निरंतर सराहनीय प्रयास किए हैं। आइए, हम सभी हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रोत्साहित (वोकल फॉर हैंडमेड) करें और ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की दिशा में अपने प्रयासों को सतत रूप से मजबूत करें।’’

गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वस्त्र तथा महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत सरकार के शीर्ष मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर आज के मौके पर अपने विचार साझा किये तथा भारतीय हथकरघा के महत्व को रेखांकित करते हुए लोगों को ‘वोकल फॉर हैंडमेड’ अभियान का समर्थन करने को कहा।

सभी वर्गों के लोगों ने सोशल मीडिया के इस अभियान में समर्थन जताते हुए हथकरघा उत्पादों के साथ अपनी तस्वीरें साझा कीं।

शाह ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार बुनकर समुदाय के समग्र विकास के प्रति कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी का ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र निश्चित रूप से हथकरघा क्षेत्र के मनोबल को बढ़ावा देगा। आइए हम सब मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए ‘वोकल फॉर हैंडमेड’ के समर्थन की प्रतिज्ञा करें”।

उन्होंने कहा, ‘‘2014 के बाद पहली बार हमारे मेहनतकश बुनकरों के वास्तविक कौशल को विकसित कर बुनकरों को उनका उपयुक्त श्रेय दिया जा रहा है। उन्हे और प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस घोषित किया ताकि बुनकरों को भारत के विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके”।

सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘1905 में इस दिन स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ था। अब राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है। हथकरघा के क्षेत्र में भारत के पास विशिष्ट फेहरिस्त है जिसमें सूत, रेशम, ऊन, जूट आदि हैं। सर्वत्र फिर भी अलग। कॉलेज के बाद से हथकरघा निर्मित वस्त्र ही पहने हैं। मंगलागिरि, मणिपुरी, पोचमपल्ली, बनारसी, संबलपुरी और भी कई।’’

स्मृति ईरानी ने लोगों से हस्तकरघा उत्पादों को अपनाने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का समर्थन करने का आह्वान किया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सात अगस्त- राष्ट्रीय हथकरघा दिवस भारत के समृद्ध और विविधतापूर्ण हथकरघा उत्पादों को सम्मान देने तथा हमारी धरोहर को संरक्षित रखने में बुनकरों के योगदान को याद करने का दिन है।’’

गोयल ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे बुनकरों और कारीगरों को सशक्त बनाने तथा हमारी समृद्ध स्वदेशी धरोहर को संरक्षित रखने के लिए योगदान देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़े कदम उठाये हैं।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है। हमारी परंपराओं और धरोहर का समर्थन करने का गौरव है। इससे लाखों लोगों की आजीविका चलती है। आत्मनिर्भर भारत का एक और पहलू।’’




अन्य सम्बंधित खबरें