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उपलब्धि : छत्तीसगढ़ की 96 फीसदी आबादी को खाद्यान्न सुरक्षा

सार्वभौम पीडीएस से अब कोई भी व्यक्ति राशनकार्ड या राशन से वंचित नहीं रहेगा। प्रदेश के सभी परिवार अब राशनकार्ड के लिए पात्र हो गए हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 96 प्रतिशत लोगों का खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। खाद्य विभाग द्वारा राज्य के सभी राशनकार्डधारी परिवारों को हर महीने 35 किलो चावल दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 के प्रावधानों में गरीब और जरूरतमंद परिवारों के हितों को ध्यान में रखकर आवश्यक सुधार किया गया। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के सभी निवासियों को खाद्य-सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महात्मा गांधीजी के 150वीं जयंती पर 2 अक्टूबर 2019 से सार्वभौम पीडीएस का शुभारंभ किया गया। पीडीएस के अंतर्गत प्रचलित 66 लाख 22 हजार राशनकार्डों में पंजीकृत 2 करोड 46 लाख सदस्यों को सार्वभौम पीडीएस के माध्यम से खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध कराया गया है। राज्य में पूर्व में 58 लाख राशनकार्ड प्रचलित थे, इनमें शामिल 2 करोड़ 16 लाख व्यक्तियों अर्थात् राज्य की 85 प्रतिशत् जनसंख्या को रियायती दर पर चावल का वितरण किया जा रहा था। गत एक वर्ष के दौरान राज्य में लगभग 10 लाख नवीन राशनकार्ड जारी किये गये तथा 2 लाख 46 हजार नवीन सदस्य राशनकार्डो में जोड़े गये हैं।

खाद्य मंत्री  अमरजीत भगत के मार्गदर्शन में सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत प्राथमिकता श्रेणी के राशनकार्डधारी परिवारों के लिए खाद्यान्न पात्रता में भी वृद्धि की गई है। अगस्त 2019 से प्राथमिकता वाले परिवारों को बढ़ी हुई पात्रता के अनुसार खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में प्राथमिकता श्रेणी के राशनकार्डो में एक सदस्यीय परिवार को 10 किलो ग्राम, 2 सदस्यीय परिवार को 20 किलो, 3 से 5 सदस्यीय परिवार को 35 किलो तथा 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार के लिए 7 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह चावल एक रुपए प्रति किलो की दर से दिया जा रहा है।

सार्वभौम पीडीएस के तहत सभी सामान्य परिवारों को खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। सामान्य राशनकार्डो में खाद्यान्न की पात्रता - 01 सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 या 03 से अधिक सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो खाद्यान्न 10 रूपये प्रतिकिलो प्रतिमाह निर्धारित की गई है। वर्तमान में 9 लाख 20 हजार सामान्य राशनकार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। वर्ष 2012 में खाद्य सुरक्षा अधिनियम में सामान्य परिवार हेतु प्रतिमाह 15 किलो चावल की पात्रता रखी गई थी, जिसे अप्रैल 2015 में समाप्त कर दी गई। प्रदेश में कई परिवार ऐसे हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और ऐसे परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम में आवश्यक प्रावधान किये तथा सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत वर्तमान में राज्य के 9.20 लाख सामान्य परिवारों को प्रतिमाह 10 रूपए किलो में पात्रता अनुसार चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य के एपीएल परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जून, 2020 से 10 रूपए प्रतिकिलो की दर पर 2 किलो नमक प्रति कार्ड प्रतिमाह प्रदाय किया जा रहा है।

राज्य के बस्तर संभाग के निवासियों में आयरन की कमी को दूर करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बस्तर संभाग के 6 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को जनवरी 2020 से प्रतिमाह रियायती दर 17 रूपये प्रति किलो उपभोक्ता दर पर 02 किलो गुड़ प्रदाय किया जा रहा है। गुड़ का उपार्जन की छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा नेफेड के माध्यम से की जा रही है। राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों एवं माडा क्षेत्र के अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों के भोजन में प्रोटीन की कमी पूरा करने के लिए रियायती दर 5 रूपए प्रतिकिलो की दर पर प्रतिमाह 2 किलो चना प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 25 लाख अन्त्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवार को लाभान्वित किया जा रहा है।

भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2019 से अनुदान प्राप्त एवं निजी आश्रम - छात्रावास एवं कल्याणकारी संस्थाओं हेतु खाद्यान्न का आबंटन बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा 471 संस्थाओं में पंजीकृत 43 हजार 640 हितग्राहियों को राज्य शासन द्वारा स्वयं के व्यय से चावल आबंटित करने का निर्णय लिया गया और इन अनुदान प्राप्त एवं निजी आश्रम-छात्रावास एवं कल्याणकारी संस्थाओं को अक्टूबर 2019 से खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है।

पूर्व में राज्य के ऐसे 12.90 लाख राशनकार्डधारी परिवार जिनके पास एलपीजी कनेक्शन है, उनकी केरोसिन पात्रता समाप्त कर दी गई थी। अब ऐसे उपभोक्ताओं की आवश्कताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हे अगस्त 2019 से केरोसिन का वितरण पुनः प्रारंभ कर दिया गया है। वर्तमान में नगरीय क्षेत्र एवं गैर अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 2 लीटर तथा अनुसूचित क्षेत्र में अधिकतम 3 लीटर प्रति राशनकार्ड केरोसिन की पात्रता निर्धारित है।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रचलित 58.56 लाख राशनकार्डो का नवीनीकरण जुलाई से अक्टूबर 04 महिने की रिकार्ड समय-सीमा में पूर्ण कराया गया है। राज्य शासन द्वारा राशनकार्ड नवीनीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए केवल एक पन्ने के आवेदन पत्र में प्रस्तुत की गई जानकारी के आधार पर राशनकार्ड नवीनीकरण किया गया। नवीनीकरण के लिए राशनकार्डधारियों को आवेदन पत्र एवं नवीनीकरण उपरंात राशनकार्ड निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है। राशनकार्ड नवीनीकरण में परीक्षण एवं भौतिक सत्यापन उपरांत विभिन्न कारणों से अपात्र पाये गये 2 लाख 14 हजार राशनकार्डो को निरस्त किया गया। राशनकार्ड नवीनीकरण से राशनकार्ड का डेटाबेस त्रुटिरहित हुआ है।




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