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पीएम मोदी ने कोरोना के सबसे ज्यादा सक्रिय मामलों वाले 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया

देश के उन 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी ने आज संवाद किया जहां कोरोना के ज्यादा सक्रिय मामले हैं. पीएम मोदी ने संक्रमण को रोकने के लिए कई सुझाव दिये तो केन्द्र की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री ने राज्यों के प्रयासो का तारीफ की तो मुख्यमंत्रियों ने कोरोना के इस संकट काल में पीएम मोदी के नेतृत्व और निर्णय क्षमता की प्रशंसा की।

कोविड के खिलाफ भारत की जंग लगातार तेज़ और मजबूत होती जा रही है और इसका श्रेय सरकार के प्रयासों और राज्यों के कदमों के साथ ही डॉक्टरों और मेडिकल क्षेत्र के लोगों की कड़ी मेहनत को जाता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लगातार राज्यों के साथ चर्चा करके रणनीति बना रहे हैं । इसी क्रम को मंगलवार को पीएम मोदी ने उन दस राज्यों से विचार विमर्श किया जहां देश के करीब 80 फीसदी सक्रिय मामले हैं । पीएम ने कहा कि सभी राज्यों ने बेहद सहयोग दिखाया है और टीम इंडिया ने मिलकर काम करने का उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। मुझे संतोष है कि हर राज्य अपने-अपने स्तर पर महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, और चाहे केन्‍द्र सरकार हो चाहे राज्‍य सरकार हो, हम अनुभव कर रहे हैं कि हम लगातार एक टीम बन करके काम कर पा रहे हैं और यही टीम स्प्रिट जो हो वो एक परिणाम लाने में हम सफल हुए हैं। इतने बड़े संकट को हम जिस प्रकार से हमने मुकाबला किया है उसमें सबका साथ मिलकर के काम करना, ये बहुत बड़ी बात है।

जिन राज्यों ने बैठक में हिस्सा लिया उनमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रतिनिधि शामिल हैं। पीएम ने कहा कि अगर इन दस राज्यों में वायरस पर काबू पा लिया जाता है, तो पूरा देश कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में विजयी होगा। प्रधानमंत्री ने बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में जांच में तेजी लाने की जरुरत बतायी तो साथ ही ये भी कहा कि  इस लड़ाई में कंटेनमेंट, संपर्क का पता लगाना और निगरानी सबसे प्रभावी हथियार हैं। साथ ही उन्होंने सबसे 72 घंटे के नए फार्मूले पर काम करने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने महामारी से सफलतापूर्वक निपटने के लिए गृह मंत्री की ओर से दिल्ली और आसपास के राज्यों के साथ मिलकर रोडमैप तैयार करने के अनुभव को याद किया। उन्होंने कहा कि इस रणनीति के मुख्य स्तंभों में कंटेनमेंट जोन को अलग करना और स्क्रीनिंग पर ध्यान केंद्रित करना है, विशेष कर अधिक जोखिम वाले वर्ग में। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन और आईसीयू बेड बढ़ाने जैसे कदम भी बहुत मददगार साबित हुए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में रोजोना जांच की संख्या लगभग 7 लाख तक पहुंच गई है और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे रोग की शुरुआत में पहचान करने और रोकथाम में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि देश में मृत्यु दर सबसे कम है और लगातार नीचे जा रही है। सक्रिय मामलों का प्रतिशत कम हो रहा है, जबकि ठीक होने दर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इन कदमों से लोगों का विश्वास बढ़ा है और मृत्‍यु दर को 1 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य जल्द प्राप्त किया जा सकता है।

बैठक में रक्षामंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में हर संभव प्रयास कर रही है, जिसकी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी प्रशंसा की है।बैठक में  मुख्‍यमंत्रियों ने जमीनी स्थिति की जानकारी दी तो साथ ही  स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और जांच में तेजी लाने के प्रयासों के बारे में बताया । उन्होंने महामारी के सफल प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और उन्‍हें निरंतर मार्गदर्शन करने और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।





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