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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र के दौरान भारत ने पाकिस्तान को फिर जमकर लताड़ा

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत विरोधी अभियान चलाने के लिए नई दिल्ली ने पाकिस्तान और इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआईसी को फिर एक बार लताड़ते हुए कहा, भारत के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार करना पाकिस्तान की आदत बन गई है। जम्मू-कश्मीर के बारे में ओआईसी द्वारा की गई टिप्पणी को सिरे से ख़ारिज किया।

भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने ख़िलाफ़ दुष्प्रचार फैलाने के लिए पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45 वें सत्र के दौरान पाकिस्तान द्वारा झूठे और मनगढंत आरोप लगाने पर भारत ने कड़ा ऐतराज़ जताया। राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि अपने दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए झूठे और मनगढ़ंत आरोपों के ज़रिये भारत को बदनाम करना, पाकिस्तान की आदत बन गई है।

भारत ने कहा कि आतंकवाद के जन्मदाता और अपने यहां धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताने के लिए पूरी दुनिया में मशहूर देश से हमें मानवाधिकार के आदर्श सीखने की ज़रूरत नहीं है। भारत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकियों को पेंशन देने में गर्व महसूस करने वाले पाकिस्तान के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो जम्मू-कश्मीर में लड़ने के लिए हजारों आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने की बात स्वीकारने को गौरव का विषय मानता है।

भारतीय प्रतिनिधि ने कहा की खुद पाकिस्तान के बलूचिस्तान, ख़ैबर पख्तूनख्वा और सिंध में लोगों की दुर्दशा उसके मानवाधिकार के मामलों की पोल खोलती है। एक भी ऐसा दिन नहीं गया है जब बलूचिस्तान में किसी परिवार के सदस्य को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों द्वारा अपहरण न किया गया हो।

भारत ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर में भी पाकिस्तान के नापाक मंसूबे जारी हैं। वहां ईशनिंदा क़ानूनों, जबरन धर्मांतरण, लक्षित हत्याओं और  सांप्रदायिक हिंसा के ज़रिए जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया जाता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान में हज़ारों सिख, हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों का अपहरण, जबरन विवाह और धर्मांतरण किया गया।

भारत ने इस्लामिक सहयोग संगठन को भी पाकिस्तान द्वारा अपने मंच का दुरुपयोग कराने को लेकर चेताया। ओआईसी की तरफ से कश्मीर पर दिए बयान की कड़ी आलोचना करते हुए भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि ओआईसी ने पाकिस्तानी एजेंडे को पूरा करने के लिए खुद के दुरुपयोग की अनुमति दी है। ओआईसी के सदस्यों के लिए यह तय करना कि क्या पाकिस्तान को ऐसा करने के लिए अनुमति देना उनके हित में है।




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