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भारतीय सेना का चीन को सख्त संदेश; पूर्वी लद्दाख में सर्दी में भी लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार

मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए, लेकिन अगर विवाद उत्पन्न हों, तो बातचीत के ज़रिए समाधान किया जाना चाहिए. इसी सिद्धांत पर चल रहे भारत ने मंगलवार को संसद के पटल से एक बार फिर ये संदेश दिया और वहीं भारतीय सेना ने पड़ोसी देश को सख्त संदेश दिया है कि लद्दाख की चोटियों पर विषम परिस्थितियों में भी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए भारतीय सेना तैयार है.

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना ने पड़ोसी देश को सख्त संदेश दिया है. समाचार एजेंसी ने सेना के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सेना पूर्वी लद्दाख में सर्दी में भी जंग लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. साथ ही उसने कहा कि अगर चीन युद्ध छेड़ता है तो उसे अच्छी तरह प्रशिक्षित, बेहतर ढंग से तैयार, पूरी तरह चौकस और मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत भारतीय सैनिकों का सामना करना होगा.

सूत्रों के मुताबिक सेना का कहना है कि शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत भारतीय सैनिकों के मुकाबले अधिकतर चीनी सैनिक शहरी इलाकों से आते हैं. वे जमीनी हालात की दिक्कतों से वाकिफ और लंबे समय तक तैनात रहने के आदी नहीं होते. भारतीय सेना सर्दी में भी पूर्वी लद्दाख में जंग लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत एक शांतिप्रिय देश है और पड़ोसियों से अच्छे संबंध रखना चाहता है. भारत हमेशा संवाद के जरिए मुद्दों के समाधान को तरजीह देता है. पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ मामले को हल करने को लेकर बातचीत जारी है. जहां तक सेना की बात है, तो वह लंबे गतिरोध के लिए तैयार है. भारतीय सेना को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन का भी अनुभव है, जहां चीन से लगी सीमा के मुकाबले हालात बहुत मुश्किल होते हैं.

इधर गृह मंत्रालय ने संसद को बताया है कि पिछले छह महीने में भारत-चीन सीमा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई. राज्य सभा में बुधवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पिछले छह महीने में भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ का कोई मामला सामने नहीं आया है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही साफ कर चुके हैं कि हमारे क्षेत्र में न तो कोई घुसा है और न ही हमारी पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है. मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लोकसभा में बयान दिया और कहा कि भारत मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति Committed हैं. हालांकि सरकार सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं.




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