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रक्षा मंत्री: देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलएसी की ताज़ा स्थिति पर राज्यसभा में दिया बयान, कहा देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध। साथ ही कहा भारत उचित और शांतिपूर्ण ढंग से चीन के साथ मौजूदा सीमा विवाद के समाधान के लिए प्रतिबद्ध।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत उचित और शांतिपूर्ण ढंग से चीन के साथ मौजूदा सीमा विवाद के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने यह भी कहा कि देश किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। रक्षामंत्री ने कहा कि चीन वास्‍तविक नियंत्रण रेखा-एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहा है, जो किसी भी हाल में भारत के लिए स्‍वीकार्य नहीं है। लद्दाख क्षेत्र में सीमा पर हाल के घटनाक्रम के बारे में राज्‍यसभा में अपने वक्‍तव्‍य में रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों की संख्‍या और तनाव के स्‍थानों के मामले में मौजूदा स्थिति पहले की तुलना में भिन्न है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि इस पूरी अवधि में भारतीय सेना के आचरण से पता चला कि अत्‍यधिक उकसावे की कार्रवाई का सामना करने में धैर्य दिखाते हुए देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करते समय जवानों ने पूरे साहस का प्रदर्शन किया1 उन्‍होंने कहा कि चीन की कार्रवाई विभिन्‍न द्विपक्षीय समझौतों और 1993 तथा 1996 के समझौतों के विरूद्ध है। पिछले कई दशकों से चीन ने सीमा क्षेत्रों में अपनी तैनाती बढ़ाने के लिए महत्‍वपूर्ण ढांचागत निर्माण किया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट दोगुना कर दिया है। चीन ने लद्दाख में करीब 38 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर गैर-कानूनी ढंग से कब्‍जा कर रखा है। पाकिस्‍तान ने अपने कब्‍जे वाले कश्‍मीर में पांच हजार 180 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र गैर-कानूनी ढंग से चीन को सौंप दिया। श्री सिंह ने कहा कि सीमा का मुद्दा जटिल मामला है और भारत-चीन ने स्‍वीकार किया है कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए शांति आवश्‍यक है।




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