news-details

अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस आज

आज अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता-दिवस है। समुद्री तटों को पर्यावरण के लिहाज से स्वच्छ और सुरक्षित बनाने को लेकर छिड़ी मुहिम के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने देश के आठ समुद्री तटों को अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग लेबल दिए जाने की सिफारिश की है।

अपने तटीय वातावरण को सुरक्षित रखने में भारत की भूमिका को विश्व बैंक द्वारा भी सराहा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता-दिवस की पूर्व संध्या पर कल केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार देश भर में समुद्र तटों की सफाई के लिए प्रतिबद्ध है।

समुद्री तटों को पर्यावरण के लिहाज से स्वच्छ और सुरक्षित बनाने को लेकर छिड़ी मुहिम के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने देश के आठ समुद्री तटों को अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग के दर्जे में शामिल करने की सिफारिश की है। यह दर्जा उन्हीं समुद्री तटों को मिलता है, जो साफ-सुथरे होने के साथ हर तरह से सुरक्षित होते है। साथ ही उनका रखरखाव और प्रबंधन भी बेहतर होता है।

अंतरराष्ट्रीय  तटीय स्वच्छ-दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक आभासी कार्यक्रम में इस बात की घोषणा की। यह निर्णय एक स्वतंत्र राष्ट्रीय जूरी की सिफारिश के आधार पर लिया गया था जिसमे प्रख्यात पर्यावरणविद और वैज्ञानिकों थे। तटीय वातावरण को सुरक्षित रखने में भारत की भूमिका को विश्व बैंक द्वारा भी सराहा जा रहा है। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार देश भर में समुद्र तटों की सफाई के लिए प्रतिबद्ध है।

 ब्लू फ्लैग बीचों को दुनिया का सबसे साफ बीच माना जाता है। भारत में जिन 8 बीच की सिफारिश की गई है उनमें गुजरात के शिवराजपुर, ओडिशा का गोल्डन तट, केरल का कप्पड़, आंध्र प्रदेश का रुशीकोंडा, कर्नाटक का पदुबिद्री और कसरकोद के साथ अंडमान एवं निकोबार और दमन-दीव के एक-एक तट है। अब तक देश के एक भी तट को यह दर्जा प्राप्त नहीं है।
 
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि समुद्री कूड़े और तेल के रिसाव के मुद्दे ने जलीय जीवन में गड़बड़ी पैदा कर दी है । सरकार तटीय क्षेत्रों के सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

 इस कार्यक्रम में सभी आठ समुद्र तटों पर एक साथ ध्वज फहराते हुए इको-लेबल बीच पर्यावरण और सौंदर्य प्रबंधन प्रबंधन सेवाओं का शुभारंभ भी किया गया। यह योजना  पर्यावरण मंत्रालय द्वारा तटीय क्षेत्रों के सतत विकास और सफाई के लिए चलाई जा रही कई योजनाओं में से एक है।




अन्य सम्बंधित खबरें