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गौठानों में महिला समूहों को दिया जा रहा वर्मी खाद उत्पादन का प्रशिक्षण

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए गौठनों में गोबर खरीदी और के साथ ही महिला स्व सहायता समूहों को वर्मी खाद उत्पादन का का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिला स्व सहायता समूह कृषि विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में वर्मी टांकों में गोबर भराई का कार्य कर वर्मी खाद तैयार करने में जुटी है।

सुदूर वनांचल के सुकमा जिले में कृषि विभाग द्वारा जिले के समस्त गौठानों में कार्यरत स्व-सहायता समूहों को वर्मी खाद बनाने सहित अन्य आय मूलक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विभाग द्वारा मुख्य रूप से वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मुर्गीपालन आदि का प्रशिक्षण समूहों को दिया जा रहा है।

सुकमा जिले में सुराजी योजना के तहत निर्मित गौठानों में लगभग 690 वर्मी टांको का निर्माण किया जा चुका है।

कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि गोबर से वर्मी खाद बनाने के लिए स्व-सहायता समूहों द्वारा वर्मी टांको की भराई का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। कृषि विभाग द्वारा समूह की महिलाओं को मानक स्तर की वर्मी खाद तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिले के गौठानों में अब तक 258 वर्मी टांको में गोबर भराई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।




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