छह प्रतिशत कम हुआ कुपोषण, सुपोषण अभियान से एक लाख से अधिक हितग्राही लाभान्वित
महंगे प्रोटीन पाउडर, फूड सप्लीमेंट और स्वास्थ्यवर्धक दवाओं की जगह सस्ते और पौष्टिक मूंगफली के लड्डू और अण्डों से कोरबा जिले में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं की सेहत संवर रही है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत कोरबा जिले में एक लाख 15 हजार से अधिक हितग्राहियों को अच्छी सेहत के लिए मूंगफली के लड्डू और अण्डे दिये जा रहे हैं।
जिले में मुख्यमंत्री
सुपोषण अभियान के तहत प्रत्येक बच्चा लक्ष्य हमारा (प्रबल) और सुपोषित जननी
कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इन दोनो कार्यक्रमों के तहत अब तक एक से तीन
वर्ष के 44 हजार 93 बच्चों को, तीन से छह वर्ष तक 50 हजार 576 बच्चों के
साथ दस हजार 320 शिशुवती माताओं और दस हजार 795 गर्भवती महिलाओं को कुपोषण
दूर कर स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक पोषक आहार निःशुल्क दिया जा रहा है। इस
योजना से जिले में कुपोषण 22.48 प्रतिशत से घटकर 16.10 प्रतिशत के स्तर पर आ
गया है।
मध्यम कुपोषण 18.22 प्रतिशत से घटकर अब 14.26 प्रतिशत रह गया है वहीं गंभीर कुपोषण के स्तर में 3.42 प्रतिशत की कमी आई है। जिले में गंभीर कुपोषण अब 4.26 प्रतिशत से घटकर 1.84 प्रतिशत रह गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अनुमति से सुपोषण अभियान शुरू होने के पहले कोरबा जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कटघोरा विकासखंड में कुपोषण मिटाने के लिए जुलाई 2019 से प्रबल योजना शुरू की गई। छत्तीसगढ़ को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस दो अक्टूबर वर्ष 2019 से शुरू हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में प्रबल कार्यक्रम को शामिल किया गया।
‘‘प्रत्येक बच्चा लक्ष्य हमारा‘‘ उद्देश्य
लेकर शुरू हुए प्रबल कार्यक्रम ने कटघोरा के 12 हजार 300 बच्चों को कुपोषण
से निकालकर सुपोषित बनाने की दिशा में सकारात्मक परिणाम दिये और इसके बाद
इस कार्यक्रम के साथ सुपोषित जननी कार्यक्रम को भी जोड़कर जिले के सभी पांचो
विकासखण्डों में लागू कर दिया गया।
कुपोषित बच्चों और गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को सप्ताह में एक दिन छोड़कर एक दिन की तर्ज पर सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को मूंगफली के पौष्टिक लड्डू तथा मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को अण्डा या मूंगफली आंगनबाड़ी केंद्रों में दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत प्रबल और सुपोषित जननी कार्यक्रम में जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में छः महिने से लेकर छः साल तक के नौनिहालों और गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए सप्ताह में तीन दिन विशेष शिशु आहार मूंगफली के लड्डू और तीन दिन अण्डा खाने के लिए दिया जा रहा है।
मूंगफली के लड्डू मूंगफली, शक्कर, दूध पावडर और नारियल तेल को मिलाकर बनाये जाते हैं।
नारियल तेल से बच्चों की भूख बढ़ती है और दूध से बच्चों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं जो वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं।
बच्चों को 35-35 ग्राम के तो गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को 25-25
ग्राम के लड्डू तैयार कर दिये जाते हैं। इसके साथ ही गेहूं, चना, सोयाबीन
और मूंगफली के मिश्रण से बना रेडी टू ईट पोषक आहार विभिन्न प्रकार के
व्यजनों के रूप में नियमित रूप से दिया जा रहा है।
इससे नौनिहालों और
गर्भवती एवं शिशुवती माताओं की भूख बढ़ती है और उन्हें जरूरी पोषक तत्व भी
मिलते हैं। जिले में बालमित्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों द्वारा
नियमित अंतराल पर घर-घर जाकर हितग्राहियों के खान-पान की निगरानी भी करते
हैं।