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दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान, कुछ खास : संविधान दिवस आज

क्या होता है संविधान, क्या है अहमियत

सामान्य तौर पर, संविधान को नियमों और उपनियमों का एक ऐसा लिखित दस्तावेज कहा जाता है, जिसके आधार पर किसी देश की सरकार काम करती है। यह देश की राजनीतिक व्यवस्था का बुनियादी ढांचा निर्धारित करता है। हर देश का संविधान उस देश के आदर्शों, उद्देश्यों और मूल्यों का संचित प्रतिबिंब होता है। संविधान महज एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह समय के साथ लगातार विकसित होता रहता है।

दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है जो तत्त्वों और मूल भावना के नजरिए से अद्वितीय है। मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और आठ अनुसूचियां थीं, लेकिन विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 448 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं। इसके साथ ही इसमें पांच परिशिष्ट भी जोड़े गए हैं, जो पहले नहीं थे।


हमारे देश के लोकतंत्र को संचालित करने वाली किताब का नाम है भारतीय संविधान। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के धर्मग्रंथ यानी भारत के संविधान को आजादी के आंदोलन के दौरान जागृत हुई राजनीतिक चेतना का परिणाम कहा जाए तो गलत नहीं होगा। भारतीय संविधान में देश के सभी समुदायों और वर्गों के हितों को देखते हुए विस्तृत प्रावधानों का समावेश किया गया है।

इसी का परिणाम है कि आजादी के 74 वर्षों के बाद भी भारतीय संविधान अक्षुण्ण, जीवंत और सतत क्रियाशील बना हुआ है। भारतीय संविधान को संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को ग्रहण किया था और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।





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