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प्रदेश ने खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ाए कदम, इतनी महिलाएं एनीमिया से मुक्त

रायपुर। प्रदेश में कुपोषण के कुचक्र को तोड़ने के लिए चलाये जा रहे प्रदेशव्यापी ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ से कुपोषण के दायरे में आने वाले 4 लाख 34 हजार बच्चों को पिछले चार सालों में 2 लाख 65 हजार बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर लाने में सफलता मिली है। अभियान के तहत एक लाख 50 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में कुपोषण के आंकड़ों को गंभीरता से लेते हुए 02 अक्टूबर 2019 से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई थी। अभियान के तहत छह वर्ष तक के कुपोषित बच्चों और 15 से 49 वर्ष तक की एनीमिक महिलाओं गर्म पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अलावा राज्य सरकार ने गर्भस्थ शिशुओं से लेकर सुरक्षित प्रसव, माताओं और शिशुओं के स्वस्थ विकास के विभिन्न पहलुओं पर समुचित ध्यान दिया जिससे मातृत्व मृत्यु दर भी 159 से घटकर 137 हो गई है। दूसरी संतान भी बेटी होने की स्थिति में किसी भी तरह की मदद का प्रावधान पूर्व में नहीं था। इस अंतर को पाटने के लिए राज्य सरकार ने ‘कौशल्या मातृत्व सहायता योजना’ शुरू की। योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को एकमुश्त 5 हजार रूपए प्रदान किया जा रहा है। इससे गर्भवती माता और उसके बच्चे के पोषण सुरक्षा के लिए एक बड़ी मदद मिल रही है।



राज्य सरकार ने महिलाओं एवं बच्चों की पोषण सुरक्षा के लिए बड़े और समन्वित कदम उठाए हैं। प्रदेश में कोई परिवार भूखा न रहे, इसका विशेष ध्यान रखा गया है। राज्य सरकार ने 2011 की जनगणना के अनुसार ‘सार्वभौम पीडीएस’ के तहत 2 करोड़ 61 लाख हितग्राहियों को अर्थात् शत-प्रतिशत खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य पूरा कर लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 64 लाख अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को अप्रैल 2022 से दिसम्बर 2022 तक निर्धारित मासिक पात्रता एवं अतिरिक्त पात्रता का चावल निःशुल्क वितरण किया। इसे आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने वर्ष जनवरी 2023 से दिसम्बर 2023 तक मासिक पात्रता का चावल निःशुल्क प्रदाय करने की घोषणा की है।

प्रदेश ने खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर कदम बढ़ाए हैं। राज्य सरकार ने स्थानीय खान-पान की विशेषताओं और रुचियों का विशेष ध्यान रखते हुए पोषण सुरक्षा के लिए आयरन फोलिक एसिड युक्त फोर्टिफाइड चावल का 12 जिलों में ‘मध्याह्न भोजन योजना’ तथा ‘पूरक पोषण आहार योजना’ हेतु वितरण किया जा रहा है। इसे आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने अप्रैल 2023 से सभी जिलों में पीडीएस के राशनकार्डधारियों को फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू करने की घोषणा की है। इससे प्रदेश में परिवारों को पोषण सुरक्षा की दिशा में बड़ी मदद मिलेगी।




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