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रायपुर : आज कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने दी बधाई, कृषि मंत्री बृजमोहन करेंगे संगोष्ठी का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने दी बधाई

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज 20 जनवरी को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के स्थापना दिवस पर प्रदेशवासियों को और विश्वविद्यालय के कुलपति सहित सभी प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को बधाई दी है। डॉ. सिंह ने आज यहां जारी बधाई संदेश में कहा है कि राज्य के इस प्रथम और इकलौते कृषि विश्वविद्यालय ने 32 वर्षों से जारी अपनी विकास यात्रा में कई शानदार सफलताएं हासिल की हैं। विश्वविद्यालय ने खेती-किसानी की शिक्षा के प्रति युवाओं का रूझान बढ़ाने और कृषि अनुसंधान के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हुआ है। राज्य में कृषि विज्ञान केन्द्रों की संख्या 20 तक पहुंच गई है, जो इस विश्वविद्यालय से सीधे जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि विश्वविद्यालय द्वारा अपने 32वें स्थापना दिवस के मौके पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है, जो धान की टिकाऊ खेती की तकनीक पर आधारित है।


कृषि मंत्री बृजमोहन करेंगे संगोष्ठी का शुभारंभ

कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल आज 20 जनवरी की शाम चार बजे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सभागृह में ‘टिकाऊ धान उत्पादन तकनीक’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करेंगे।


   इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 32वें स्थापना दिवस के अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय एवं टाटा ट्रस्ट, मुम्बई द्वारा 20 एवं 21 जनवरी को किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी के शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील करेंगे तथा टाटा ट्रस्ट मुम्बई के जोनल हेड श्री विश्वनाथ सिन्हा एवं विश्वविद्यालय के प्रबंध मण्डल के सदस्य डॉ. आर.टी. पाटील विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों के तीन सौ से अधिक कृषि इंजीनियर, वैज्ञानिक, कृषि यंत्र निर्माता, शोध छात्र तथा कृषक शामिल होंगे।


   संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ. अजय वर्मा ने बताया कि इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जाएगा जिनमें - धान की खेती में यंत्रीकरण, धान उत्पादन एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंध, पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी और सामाजिक विज्ञान एवं सामाजिक आर्थिकी प्रमुख हैं। संगोष्ठी के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र कृषि यंत्र प्रदर्शनी होगी जिसमें धान उत्पादन में उपयोगी कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में देश की प्रमुख कृषि यंत्र निर्माता कम्पनी महिन्द्रा, जॉन डियर, नेशनल एग्रो, सदर्न एग्रो इंजन, एग्रो टेक, व्ही.एस.टी. टिलर, किसान क्रॉप, न्यू हॉलैन्ड सहित स्थानीय कृषि यंत्र निर्माता भी शामिल होंगे।

   

संगोष्ठी में अखिल भारतीय कृषि यंत्र एवं मशीनीकरण परियोजना के पूर्व परियोजना निदेशक डॉ. सुरेन्द्र सिंह, आई.आई.टी. खडगपुर के प्राध्यापक डॉ. व्ही.के. तिवारी, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एस.पी. सिंह, परियोजना समन्वयक डॉ. एम. दीन, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फॉल के निदेशक विस्तार डॉ. पी.के. रावत, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. बूटा सिंह, केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल के डॉ. सी.आर. मेहता, बिधान चन्द्र रॉय कृषि विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल के विभागाध्यक्ष डॉ. सुब्रत करमाकर, कांेकण कृषि विद्यायापीठ के डॉ. पी.यू. साहरे, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भुवनेश्वर के डॉ. एस.के. अम्बष्ट एवं केरल कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. शाजी जेम्स सहित अनेक कृषि वैज्ञानिक, कृषि इंजीनियर तथा विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे।






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