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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद जिले में कई स्कूल शौचालय विहिन

सत्र 2011 में एक लोक-हित वाद में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आदेश दिया गया था कि सभी प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में अनिवार्य रूप से बालक और बालिका के लिए अलग अलग  शौचालय का निर्माण कराया जाए लेकिन आज स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी और जन प्रतिनिधि सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की धज्जियाँ उड़ा रहे है जिस पर जिले के कई प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में विभाग द्वारा शौचालय का निर्माण आनन-फानन में कराया गया था, जो एक वर्ष बाद भी नहीं चल सकी और घटिया निर्माण की भेट चढ़ गई। जिससे छात्र-छात्राओं को अब बाहर ही शौच करने जाना पड़ रहा है संपूर्ण स्वच्छ भारत मिशन  अभियान के तहत बनने वाले  स्कूलो में शौचालय हो या फिर घरो में बनने वाले शौचालय अधिकारियों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया जरूर बना रहा। इस दिशा में संबंधित विभाग के आला अधिकारी के सांठ-गांठ होने के वजह से आज जिला भर के स्कूलों के शौचालय उपयोग विहिन हो भ्रष्टाचार की कहानी कह रहे हैं। जिस पर विभाग के आला अधिकारी मौन धारे हुए हैं, और स्कूलो में रहने वाले छात्रों को शौच के लिए असुरक्षित जगहों पर जाना पड़ रहा है। जिसकी वजह से उसके साथ किसी भी प्रकार के अप्रिय घटना की आशंका बनी रहती है


आपको बता दें कि  सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष 2011 में एक लोकहित वाद में यह फैसला दिया था कि सभी अस्थाई तौर बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय का निर्माण कराया जाये तथा 1 माह के अंदर जिन स्कूलों में शौचालय नहीं है। उन स्कूलों में शौचालय का निर्माण कराया जाये


जिसे देखते हुए विभाग के अधिकारियों द्वारा तेजी से शोचालयों का सभी स्कूलों में निर्माण तो करा दिया, पर उसकी गुणवत्ता की ओर ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से स्कूलों में निर्मित शौचालय अब नाम मात्र के ही रह गया है।


कई  शालाओं की टायलेट अनुपयोगी

जिले के कई आश्रम शाला व अन्य प्राथमिक पूर्व माध्यमिक शाला ऐसे है। जहां की शौचालय अनुपयोगी हो गयी है या तो उन शालाओं में आज आदेश के 6 वर्ष गुजर जाने के बाद भी शौचालय का निर्माण ही नहीं हो सका है और ना ही उपर से मिले निदेर्शो के तहत अस्थाई शौचालय की व्यवस्था की गई थी। पर ये  व्यवस्थाएं कुछ ही समय में  अपना  दम तोड़ दिये.


बसना विकास खंड के वन अंचलों में स्थित  ग्राम पंचायत रंग मटिया के  स्कूली  छात्र-छात्राएं आज भी खेतों एवं जंगलों में शौच करने जाने को मजबूर हैं


रंग मटीया प्राथमिक शाला में स्वच्छ भारत मिशन तहत बालक बालिका शौचालय तो बनवा दिया गया है लेकिन अधिकारियो और कर्मचारियों के मिली भगत से केवल खाना पूर्ति के लिए घटिया और गुणवत्ता हिन् शौचालय  का निर्माण कर दिया गया है जो की अनुपयोगी साबित हो रहे है और वर्षो से ताला लगा हुआ है.


ग्राम पंचायत रंगमटिया के प्राथमिक शाला और आश्रित  ग्राम तिलाइ दादर के प्राथमिक शाला दोनों स्कूलो में शिक्षको के लिए भी शौचालय  प्रसाधन भी नही है ऐसे में स्वच्छ भारत कैसे पूर्ण हो सकता है.


स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारीयो और सरपंच के मिली जुली भगत और भ्र्ष्टाचार और अनदेखी कर जिले के कई सालाओ में सुप्रीम कोर्ट के नियमो का धज्जिया उड़जा रहा है और जिला प्रसासन चुप्पी साधी हुई है. इसी तरह ग्राम पंचायत रंगमटिया के आश्रीत ग्राम तिलाइ दादर प्रा.शा. में आदेश के इतने वर्ष गुजर जाने के बाद भी आज तक शौचालयों का निर्माण नहीं कराया गया है स्कूल में बालिका और एक विकलांग शौचालय है जबकि  बालक जंगल और मैदान में  शौच के लिए बहार जाते है.

कुछ स्कूलों में शौचालय का निर्माण तो गया है, परंतु उन शौचालयों को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनका निर्माण सिर्फ आदेश के पालन हेतु खानापूर्ति की  नियत से किया गया है। वहीं कई जर्जर हुए शौचालयों की मरम्मत भी कराई गयी थी। फिर भी शौचालयों कि हालत उपयोग लायक नहीं हो पायी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद जिले के शौचालय विहिन हो चले स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है.

जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि संबधित विभाग के अधिकारी आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अवहेलना के अंतर्गत आता है।शासन को दी गई सुविधा की जानकारी बीते वर्ष पूर्व विभाग द्वारा शासन को सर्वसुविधा युक्त सभी स्कूलों में शौचालय की जानकारी दे दी गई थी। जिस पर विभाग द्वारा जानकारी के सत्यापन हेतु किसी भी प्रकार की जहमत नहीं उठाई गई। विभाग ने जैसा शासन को जानकारी दिया उसे ही शासन द्वारा सही मान लिया गया। जिससे कई स्कूलों की गलत जानकारी भी दी गई थी.


बसना ब्लॉक शिक्षा अधिकारी वाय आर लहरे

मैं मामला की जानकारी लेता हु और जांच करवाता हूँ



ceo बसना चन्द्र प्रकास

स्कूलो में बनने वाले कुछ शौचालय शिक्षा विभाग से बना है कुछ शौचालय ग्राम पंचायत से आप मुझे जानकारी और फोटो व्हाट एप्स कर दे मैं संज्ञान में लूंगा





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