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बार नयापारा के गांव रामपुर में वनविभाग द्वारा मारपीट, 23 जनवरी से बया में धरना प्रारंभ करने की चेतावनी

बार नयापारा क्षेत्र के ग्राम रामपुर में गत 15 जनवरी को राजकुमार और वहां तैनात महिलाओं से हुई मारपीट की घटना ने तूल पकड़ना शुरु कर दिया है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से किया जा सकता है कि पीड़ित लोगों के पक्ष में आदिवासी संगठन भी उतर आए हैं। आदिवासी संगठन 'जन संघर्ष समिति' आरपार की लड़ाई लड़ने तैयार दिख रहा है। जिसके लिए 23 जनवरी से बया में धरना प्रारंभ करने की चेतावनी जिला प्रशासन को दे दी है। वहीं दूसरी तरफ रेंजर संजय रौतिया के पक्ष में वन कर्मचारी संघ आंदोलन के लिए तैयार दिख रहा है।

 

जानकारी मुताबिक बीते दिनों ग्राम रामपुर में मारपीट की घटना के पीछे उन्हें जबरिया बेदखल करने की कार्यवाही माना जा रहा है। कृषक उज्वल कोंध के मुताबिक 15 जनवरी को दोपहर करीब 2 बजे ग्राम रामपुर निवासी राजकुमार अपने घर के बाड़ी से लगे खेत के पास बकरी चराते बैठा था। इस दौरान रेंजर संजय रौतिया अपने कर्मचारियों के साथ राजकुमार के पास पहुंचकर बिना कोई कारण बताए मारपीट करने लगा। समीप के खेत में काम कर रही घर की महिलाओं ने इस घटना को देखकर मौके पर पहुंचकर बीच-बचाव का प्रयास किया। इस बीच दोनों पक्षों में मारपीट की घटना हुई। वन परिक्षेत्र अधिकारी ने मौके से ही बया चौकी फोन कर पुलिसकर्मियों को बुलाकर राजकुमार को गिरफ्तार करवा दिया। मामले में बया चौकी प्रभारी ने दोनों पक्षों के विरुद्घ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना प्रारम्भ कर दी है।

 

आज से करीब 4 वर्षों पूर्व वन विभाग द्वारा ग्राम रामपुर के लोगों का व्यवस्थापन किया था। लेकिन कुछ विवादों के चलते यहां के सात परिवारों का व्यवस्थापन नहीं हो सका। जिसके कारण यह परिवार आज भी इस ग्राम में निवासरत हैं और वन विभाग द्वारा दिए गए पट्टे की अपने काबिज भूमि पर कास्तकारी करते आ रहे हैं।

 

कटाई का आरोप लगाकर मारपीट की घटना

रामपुर निवासी कृषक उज्जवल के मुताबिक राजकुमार भी अपने खेत में क्रेडा विभाग द्वारा दिए जाने वाले सोलर पैनल से घर से लगे खेत में सब्जी भाजी की खेती कर रहा है । इसी के लिए उसने सोलर पैनल में छाया ना हो इस उद्देश्य से समीप के महुए पेड़ की डाली को वन कर्मियों से पूछ कर काटा था। जिसकी कटाई का आरोप लगाकर मारपीट की घटना हुई है।

 

रंगमंच भी किया धराशायी 

ग्रामीणों की सुविधा के लिए रंगमंच का निर्माण किया गया था। जिसका उपयोग वर्तमान में यहां निवासरत के परिवार कर रहे थे जिसे हाल ही में वन विभाग द्वारा जेसीबी मशीन से धराशायी कर गिरा दिया गया है।

आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक शाला को पूर्व में ही बंद कर दिया गया है। अब यहां के बच्चे इसकी सुविधाओं से वंचित हैं।

पूर्व वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने तब कहा था कि किसी भी व्यक्ति का व्यवस्थापन जबरिया नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों की सहमति के आधार पर ही व्यवस्थापन की कार्यवाही की जाएगी।






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