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इस OTT प्लेटफार्म ने फिल्म की स्ट्रीमिंग पर लगाईं रोक...भगवान राम को मांसाहारी दीखाने पर बुरी फंसी Nayanthara

नयनतारा इन दिनों सुर्खियों में हैं. उनकी हालिया फिल्म 'अन्नपूर्णानी' चर्चा में बनी हुई है। फिल्म को लेकर विवाद काफी बढ़ गया है और फिल्म मेकर्स पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का गंभीर आरोप लगा है। विवादों में घिरने के बाद से फिल्म को लेकर सवाल उठने के साथ विरोध भी हो रहा है। इसे देखते हुए मुंबई पुलिस ने निर्माताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी। ये विरोध मेकर्स को काफी महंगा पड़ रहा है. फिल्म 'अन्नपूर्णानी' के खिलाफ कई शिकायतों के बाद नेटफ्लिक्स इंडिया ने फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म से हटा दिया है।

 

 

इस फिल्म 'अन्नपूर्णानी' में भगवान राम को मांसाहारी दिखाया गया है। इतना ही नहीं उन्हें नॉनवेज खाते हुए भी दिखाया गया, जिसकी काफी आलोचना हो रही है. इस आलोचना के बाद फिल्म के मेकर्स ने अपना रुख साफ किया और अपना पक्ष लोगों के सामने रखा. ज़ी स्टूडियो ने कहा, 'फिल्म के सह-निर्माता के रूप में, हमारा हिंदुओं और ब्राह्मण समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है और हम संबंधित समुदायों की भावनाओं को हुई असुविधा और ठेस के लिए माफी मांगना चाहते हैं। 'मेकर्स ने साफ कहा है कि आपत्तिजनक सीन को एडिट किया जाएगा और जरूरी बदलाव होने तक फिल्म को नेटफ्लिक्स से हटा दिया गया है. बदलाव के बाद ही दर्शक फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देख पाएंगे। बता दें, सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए थे जिसमें विश्व हिंदू परिषद के सदस्य नेटफ्लिक्स के दफ्तर के बाहर नारेबाजी करते दिखे थे. इस दौरान उन्होंने कार्यालय के बाहर नारेबाजी की और 'अन्नपूर्णानी' के बहिष्कार की मांग की. दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब कई राजनीतिक नेताओं ने निर्माताओं पर भगवान राम का अपमान करने का आरोप लगाया। इसके बाद से यह विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है।

 
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट कर फिल्म को नेटफ्लिक्स से हटाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा, 'देखिए कैसे श्री राम को 'मांसाहारी' बताने वाली अन्नपूर्णानी फिल्म को नेटफ्लिक्स से हटा दिया गया। प्रभु श्री राम के इस देश में देखिये क्या हो रहा है!! विश्व हिंदू परिषद की शिकायत पर ज़ी स्टूडियो ने माफ़ी मांगी. समय रहते जागना जरूरी है और हिंदुओं की आस्था पर हो रहे हमलों को रोकना हमारी मजबूरी है।





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