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पर्यावरण को स्वस्थ्य रखने के लिए वृक्षारोपण आवश्यक:- संभागायुक्त श्री चुरेन्द्र

महासमुंद, 18 जुलाई 2019/ रायपुर संभाग के संभागायुक्त श्री जीआर चुरेन्द्र की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिले में वर्ष 2019 में वृक्षारोपण कार्य के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की गहन समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि सभी जिला अधिकारी पौधा रोपण करने के पूर्व पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसके साथ ही जहां आवश्यकता हो वहां सिंचाई के लिए पानी की भी व्यवस्था करें। रोपित पौधों की सुरक्षा आवश्यक है। पौधा लगाने से ज्यादा महत्व है कि पौधे को सुरक्षित जीवित रखे जाए।

श्री चुरेन्द्र ने कहा कि पर्यावरण को स्वस्थ्य रखने के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। वृक्षारोपण का कार्य शासकीय रिक्त भूमि के साथ निजी जमीन पर करने की पहल की जानी चाहिए है। वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण के लिए निःशुल्क पौधों का वितरण किया जा रहा है। पर्यावरण को दुरूस्थ करने की नैतिक जवाबदारी हम सभी की है। पौधों का न केवल रोपण अपितु उसका संरक्षण एवं संवर्धन भी आवश्यक है। खाली पड़ी जमीनों पर वृक्षारोपण कर फलोद्यान एवं बागवानी की व्यवस्था की जा सकती है।

रोपण किए गए पौधों के लिए सुरक्षा और पोषण आवश्यक है। वन महोत्सव को एक जन आंदोलन के रूप में करना आवश्यक है ताकि अधिक से अधिक पौधों का रोपण किया जा सके। इसी तरह राजस्व एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि लोग प्रयोजन के स्थलों को अतिक्रमण मुक्त करना आवश्यक है। गौठान, श्मशान घाट, सड़क, रास्ते, तालाब क्षेत्र, धरसा के अतिक्रमित क्षेत्रों को मुक्त कर बेहतर प्रबंधन किया जाए। चारागाह में फलदार वृक्षों और गौठानों में छायादार वृक्षों का रोपण किया जाए। विभागीय योजना का लाभ आम जनता व हितग्राहियों को दिलाने ग्राम पंचायत व ग्राम सभा को सशक्त बनाने विशेष पहल किया जाए। ग्राम सचिवालय राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान को सफल करने, महिलाओं तथा बच्चों को पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराने, शिक्षकों को समय पर विद्यालय में उपस्थित होने आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को पंचायत के सहयोग व समन्वय से संपन्न किया जाए।

संभागायुक्त श्री चुरेन्द्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी और गौठान के लिए बेहतर जल प्रबंधन आवश्यक है। आने वाले कल के लिए जल स्तर में वृद्धि करना बहुत ही जरूरी है। इसके लिए समस्त शासकीय भवनों के साथ-साथ अधिकारी-कर्मचारी अपने आवासीय भवनों में भी वाटर हार्वेसिं्टग संरचना का निर्माण करें। वैकल्पिक जल प्रबंध की व्यवस्था शासकीय परिसर में इस प्रकार हो कि वर्षा का अधिक से अधिक जल संचित किया जा सके। ग्रामीण स्तर में महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य अपने घरों में अथवा खाली जगहों में सोख्ता बनाकर जल संचयन कर सकते है। जल प्रबंधन समय की मांग है। जल संरक्षण के साथ-साथ जल को बचाने की बात भी होनी चाहिए।

प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को प्रत्येक विकासखण्ड में बापू वाटिका के लिए 10 से 15 एकड़ भूमि चिन्हांकित करने को कहा गया है। इसके लिए उन्हें पौध रोपण का प्राक्कलन मनरेगा योजना अंतर्गत भेजने को कहा गया है। इन स्थानों पर रोपित पौधों से तैयार होने वाली वाटिका ‘‘बापू वाटिका’’ के नाम से जाना जाएगा। यह बापू वाटिका दो अक्टूबर गांधी जयंती के पूर्व तैयार करने की जानकारी दी गई। इस अवसर पर एसडीएम सरायपाली श्री विनय कुमार लंगेह, अपर कलेक्टर श्री शरीफ मोहम्मद खान, सभी अनुविभागीय अधिकारीगण सहित जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।





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