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रात को मुख्यालय में नही रुकते स्वास्थ कार्यकर्ता इलाज के लिए भटकते है पीड़ित

ये तस्वीर है सरायपाली स्वास्थ केन्द्र से महज 8 किलोमीटर की दुरी पर स्थित ग्राम पंचायत कनकेबा के उपस्वास्थ केन्द्र का. तस्वीर बताती है कि जहाँ लोग स्वस्थ होने पहुँचते है वो ख़ुद बीमार हुआ पड़ा है और स्वच्छ भारत अभियान को चिढ़ा रहा है. जिसे स्वस्थ करने के प्रति कोई भी कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है.

इस उपस्वास्थ केंद्र के हालात बहोत ही दयनीय है. इस स्वास्थ केंद्र में एक कमरा है जो कि मुख्यालय पर कर्मचारी के रुकने जे लिए बनाया गया है. वह कमरा कचरे के ढेर से भरा हुआ है और टॉयलेट स्वच्छ भारत मिशन को तमाचा लगा रहा है.

जिस कमरे में स्वास्थ कर्मी को रुक कर इलाज करना है वह कमरा खंडहर की सकल लेता जा रहा है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस मुख्यालय में कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नही रहता.

दरसल कनकेबा के स्वास्थ केंद्र में एक महिला और एक पुरुष कार्यकर्ता पदस्थ है लेकिन वे मुख्यालय में नही रुकते है. जिसके कारण स्वास्थ केंद्र के पीछे वाले रूम जिसको स्वास्थ कार्यकर्ता के लिए बनाया गया है अब वह खंडहर का सकल लेता जा रहा है.

कनकेबा और और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ सुविधा मुहैया करवाने के लिए यहाँ एक महिला और एक पुरुष स्वास्थ कार्यकर्ता पदस्थ किया गया है ताकि रात और दिन किसी भी समय यहाँ ग्रामीणों को इलाज मिल सके..

इस केन्द्र में महिला स्वास्थ कार्यकर्ता को स्वास्थ्य केंद्र में ही रुकने का प्रावधान है लेकिन ग्राम पँचायत कनकेबा में ऐसा नही हो रहा है. शाम होते ही ताला लगा दिया जाता है और अपने घर और मुख्यालय बन्द कर दिये जाते है फिर रात में ग्रामीणों को मजबूरन झोलाछाप या सरायपाली अस्पताल जाना पड़ता है.

वही इस मामले में सरायपाली बीएमओ कोसरिया को अवगत कराने पर बताया की नियम के तहत एक कर्मचारी को मुख्यालय में ही रुकना है और ग्रामीणों का इलाज करना है. जाँच किया जाएगा संज्ञान में ले रहा हूँ.




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