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फर्जी तरीके से बनाया गया पट्टा, शिकायतकर्ता की जाँच पाई गई सही, तहसीलदार ने कराया जुर्म दर्ज, तत्कालीन पटवारी, कोटवार और लिपिक कानूनगो शाखा बने आरोपी.

पिथौरा थाना में पिथौरा तहसीलदार की ओर से प्रथमिकी दर्ज करवाई गई है. इस प्रथमिकी में फर्जी तरीके से ऋण पुस्तिका (किसान किताब) में किये गये गड़बड़ी करने की बात सामने आई है. इस मामले में विपिन प्रधान, बेंजामिन सिक्का, रूद्रराम नागवंशी कोटवार पर धारा 120-B-IPC, 420-IPC, 467-IPC, 468-IPC, 471-IPC के तहत जुर्म को दर्ज करवाया गया है.  

इस फर्जीवाड़ा को अंजाम देने वाले बेंजामिन सिक्का ग्राम के अमलीडीह में तत्कालीन पटवारी और रूद्रराम नागवंशी कोटवार. जबकि विपिन प्रधान लिपिक कानूनगो शाखा है. शिकायत पर तहसीलदार द्वारा की गई जाँच में इन पर लगाये गए आरोप सही साबित हुए है और जाँच में जो खुलाशा हुआ है वह भ्रष्टाचार की चरम सीमा है.

इस मामले के शिकायतकर्ता नरेन्द्र सेन प्रदेश सचिव छत्तीसगढ असंगठित कामगार (मजदूर) कांग्रेस निवासी अमलीडीह के है. जिन्होंने   आरोप लगाया कि बेंजामिन सिक्का तत्कालीन पटवारी द्वारा जिला कार्यालय महासमुंद से तहसील कार्यालय पिथौरा हेतु 800 नग ऋण पुस्तिका को जमा नहीं किया गया.

जबकि कोटवार रूद्रराम नागवंशी द्वारा 1000 नग ऋण पुस्तिका जिला कार्यालय महासमुंद से तहसील कार्यालय पिथौरा हेतु दिया गया जिसमे से उसने भी 800 नग ऋण पुस्तिका को जमा नहीं किया. और जमा नहीं किये गये ऋण पुस्तिका क्रमांक 1833998 एवं 2080006 में क्रमश: खेमिन बाई पति रघुनाथ एवं शांति बाई पति भुथेल के नाम से फर्जी तरीके से पट्टा बनाया गया.

जिस पर शिकायतकर्ता ने रूद्रराम नागवंशी, बेंजामिन सिक्का के विरूद्ध ऋण पुस्तिका (किसान किताब) जिला मुख्यालय से लाकर पिथौरा तहसील कार्यालय में लाये अनुसार संख्या के मुताबिक ऋण पुस्तिका जमा न करने एवं अनावेदक विपिन प्रधान द्वारा ऋण पुस्तिकाओं की हेराफेरी कर दस्तावेज में कूटरचना करने के संबंध में शिकायत पत्र प्रस्तुत किया था.

शिकायत पत्र की जांच तहसीलदार पिथौरा द्वारा किये जाने पर विपिन प्रधान (लिपिक कानूनगो शाखा), रूद्रराम नागवंशी (कोटवार), बेंजामिन सिक्का (तत्कालीन पटवारी) के विरूद्ध लगाये गये आरोप सही पाये गए जिसके बाद पिथौरा थाने में आरोपियों के ख़िलाफ शिकायत दर्ज की.





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