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सेक्टर स्तर बैठकों व निरीक्षण में जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने किसी की प्रशंसा की, तो किसी पर हुए नाराज़

महासमुंद। स्वास्थ्य योजनाओं में बढ़ोत्तरी के साथ आधुनिकीकरण किया जा रहा है। जहाँ सरकार लोगों को लाभान्वित करने नित नई सुविधाएं ला रही है। वहीं, उसके शत-प्रतिशत क्रियान्वयन हेतु भी ज़ोर दिया जा रहा है।

इसी कड़ी में मूल्यांकन करने स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने शनिवार दिनाँक 17 अगस्त 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कहीं औचक निरीक्षण किया तो कहीं बैठकों में अंकेक्षण। वे क्रमशः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तुमगांव, पटेवा, झलप और बागबाहरा पहुंचे। जहां, पहले मितानिन व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से रूबरू होते हुए उनकी समस्याएं सुनी और समाधान बताया।

दूसरे चरण में उन्होंने प्रदाय की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं में ई-महतारी, एच.एम.एस., घर प्रसव, गैर संचारी रोग व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के संबंध में जानकारी ली। बेमचा क्षेत्र में टीबी के मरीजों को दी जा रही सुविधाओं से संतुष्ट हो संबंधित कर्मचारियों की हौसला-अफ़ज़ाई की।

वहीं, 02 अन्य क्षेत्रों में दिए गए लक्ष्य समय पर पूर्ण नहीं होना पाए जाने पर भड़क उठे। सम्बंधित क्षेत्र के सुपरवाइजर को तत्काल नोटिस जारी कर जवाब-तलब करने के निर्देश दिए। इस दौरान श्री ताम्रकार के साथ स्वास्थ्य विभाग के शासकीय सामाजिक कार्यकर्ता असीम श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

मातृ-शिशु मृत्यु-दर कम करने दौड़ाएं अपना दिमाग

मितानिनों ने अवैधानिक रूप से असुरक्षित प्रसव करवाने वाले लोगों के चलते हो रही असुविधा के संबंध में भी शिकायत की। श्री ताम्रकार ने उन्हें सरपंच, जनप्रतिनिधि व क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों से सामंजस्य बना कर सभी गर्भवती महिलाओं को घूमने या मंदिर दर्शन आदि के बहाने सरकारी अस्पताल लाने एवं निःशुल्क मिल रही प्रसव सेवाओं के लाभ बतलाने की युक्ति सुझाई।

भुगतान ऑनलाइन हो वरना नहीं

स्वास्थ्य कमिर्यों को दिए जाने वाला भुगतान कैश में होता देख आपत्ति दर्ज की। साथ ही आज से ऑनलाइन भुगतान अनिवार्य करने के निर्देश दिए। जिन्होंने खाता नहीं होने का बहाना किया उन्हें स्पष्ट शब्दों में खाता खोल लेने की समझाइश दी गई।

कहा हर पान ठेले और दुकान में दें समझाइश

बैठकों के दौरान शासकीय सामाजिक कार्यकर्ता असीम श्रीवाताव ने मितानिन व स्वस्थ्यकर्ताओं को तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में योगदान देने के लिए प्रशिक्षत किया। साथ ही कोटपा एक्ट-2003 के परिपालन में पान-ठेलों सहित अन्य दुकानों में जांच, निरीक्षण और समझाइश देते रहने के निर्देश दिए।







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