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गौठान बनने के बावजूद सड़क पर अज्ञात ट्रक के कुचलने से 9 गौवंश की मौत.

बीती रात पिथौरा थाना अंतर्गत नेशनल हाइवे क्रमांक 53 में 9 गो वंशों को एक अज्ञात ट्रक द्वारा कुचल दिया गया. जिसमे घटना स्थल पर ही इन गो वंशों की मौत हो गई. जिसके बाद आज सुबह ढाँक टोल के कर्मचारियों द्वारा मृत गो वंशों को हटाया गया और जमीन में दफनाया गया. सड़कों पर गो वंशों के साथ यह कोई पहला हादसा नहीं है इससे पहले भी कई बार इस सड़क पर ऐसे दर्दनाक हादसे होते आये है. मगर दुःख की बात यह है कि हरियाली में जोरों सोरों से गौठान का उद्घाटन होने के बावजूद सड़कों पर गो वंशों के साथ ऐसा हादसा हुआ.

राज्य की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी जिस उद्देश्य के साथ शुरू की गई थी वो खोखली होती नजर आ रही है. तुमगांव से लेकर सिंघोड़ा तक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 53 में आये दिन गो वशों का जमावड़ा रहता. इन नेशनल हाइवे के समीप आने वाले ग्राम पंचायत के अलावा सरायपाली, पिथौरा, तुमगांव और बसना जैसे नगरीय निकाय भी है जहाँ सड़कों में गो धन की संख्या और भी अधिक रहती है.

देखभाल के आभाव में यहाँ के गोधन को सड़कों पर आने के सिवाय अन्य कोई जहग नहीं मिलता. इनके सड़कों पर आने से कई बार दुर्घटना हुई है जिनमे गौधन के साथ लोगों की भी जान गई है. मगर फ़िर भी ये गोधन सदाबहार इन सड़कों में दिखाई देतें है. इन गोधन के रख रखाव के लिए ना ही नगरीय निकाय में कोई व्यवस्था है और ना ही ग्राम पंचायतों में.  

ऐसी स्थिति में गोधन की सुरक्षा हेतु उन्हें गौठान में पहुँचाया जा सकता है. जिले में अब तक जितने भी गौठान के कार्य पूर्ण हो चुके है वहां इन्हें भेजा जा सकता है. इन गोवंशों को उनके मालिकों द्वारा लगातार आवारा की तरह छोड़ दिया जाता है और केवल दुग्ध मिलते तक ही इनका भरण पोषण किया जाता है. मगर सवाल अब भी यही है कि क्या जिले में जिन गौठान का निर्माण हो चूका है वहां इन गोधन को पहुंचाकर सुरक्षित रखा जा सकता है ? या फ़िर यह योजना समय की बर्बादी बनकर रह जाएगी ?




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