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महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बीबीबीपी योजना के अंतर्गत राज्यों और जिलों को सम्मानित किया

केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास तथा वस्त्र मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना को सफलतापूर्वक लागू करने वाले जिलों और राज्यों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती देबाश्री चौधरी मुख्य अतिथि थीं।

कार्यक्रम में हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों की महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री भी उपस्थित थीं।

हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों को जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में सुधार के लिए सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम के दौरान जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में सुधार के लिए चयनित दस जिलों को भी सम्मानित किया गया। दस जिले हैं- पूर्वी कामेंग (अरुणाचल प्रदेश), महेन्द्रगढ़ और भिवानी (हरियाणा), उधम सिंह नगर (उत्तराखंड), नामक्कल (तमिलनाडु), जलगांव (महाराष्ट्र), इटावा (उत्तर प्रदेश), रायगढ़ (छत्तीसगढ़), रीवा (मध्य प्रदेश) और जोधपुर (राजस्थान)।

इसके अलावा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत आउटरीच गतिविधियों और जागरूकता के लिए बेहतर काम करने के लिए चयनित दस जिलों को भी मंत्री द्वारासम्मानित किया गया। ये जिले हैं-तिरुवल्लुवर (तमिलनाडु), अहमदाबाद (गुजरात), मंडी, शिमला, सिरमौर (हिमाचल प्रदेश), किश्तवाड़ (जम्मू और कश्मीर), गडग (कर्नाटक), वोखा (नागालैंड), फार्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) और नागौर (राजस्थान)।

इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने अरुणाचल प्रदेश के कामेंग जिले का विशेष उल्लेख किया, जिसने 2014-15 में जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) 807 से तेजी से सुधार कर2018-19 में 1039किया है। उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट होताहै कि सरकार और समाज सामूहिक रूप से लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संकल्पबद्ध हों तोकुछ भी असंभव नहीं है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले का भी उल्लेख किया जहां एसआरबी 2001 में 800 से नीचे था, वह बढ़कर 916 हो गया है। उन्होंने पिछले एक साल में तमिलनाडु के तिरुवल्लुर जिले द्वारा किए गए कार्यों की भी प्रशंसा कीं।तमिलनाडु के तिरुवल्लुर जिले में एसआरबी 925 से बढ़कर 963 हो गया है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) भी 2014-15 के 918 से बढ़कर 2018-19 में 931 हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय और मानव संसाधन विकास तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सामूहिक प्रयासों से अब बालिका जन्म से लेकर पूरे जीवन तक सुरक्षित है।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती देबाश्री चौधरी ने अपने संबोधन में घटते बाल लिंगानुपात में सुधार के लिए और ठोस कदमों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना की सफलता काफी हद तक राज्य सरकारों, जिला प्रशासन और समुदाय के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करती है। उन्होंने प्रत्येक नागरिक से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के सामाजिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने की अपील की ताकि बालिकाओं के साथभेदभाव को खत्म किया जा सके और बालिका के अनुकूल माहौल बनाने के लिए कठिन प्रयास किए जा सकें।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव ने अपने स्वागत भाषण में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को 22 जनवरी 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना को 640 जिलों में लागू किया गया है और सभी जिलों में मीडिया अभियान चलाया जा रहा है।

2014-15 और 2018-19 के लिए राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के एसआरबी आंकड़ों पर नवीनतम रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर पर एसआरबी में सुधार की प्रवृत्ति को दर्शाती है।




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