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अब निस्तारी के लिए भंवरपुर वासियों को दर दर भटकने की नही जरूरत, नदी जोड़ो अभियान के तर्ज पर पांच तालाबो को एक दूसरे से किया गया कनेक्ट

पिछले दो तीन वर्षो में ठीक से बारिश नहीं होने से जहां क्षेत्र में भयंकर सूखा पड़ा था। वहीं लोगों को पानी की किल्लत के चलते निस्तारी और पेयजल के संकट से भी जूझना पड़ा था। गर्मी के दिनों में नलकूप, हैंडपंपों से पानी निकलना बंद हो गया था। यहां तक कि नदी, नाले व तालाब भी सूखे पड़े थे। पिछले साल के जल संकट को देखते हुए शासन ने इस मर्तबा गांव में विशेष ग्रामसभा आहूत कर जल संरक्षण को लेकर कार्य योजना बनाने के निर्देश पंचायत को दिए थे। अलहदा निर्देश के पूर्व ग्राम पंचायत भवरपुर में नाले में बेकार बहते पानी को तालाब में भरने एवं तालाब को आपस में जोड़ने का एक अभिनव अभियान चलाया गया। इसके लिए ग्राम पंचायत ने एक वर्ष पूर्व कार्य योजना तैयार कर कुंती नाला से गांव के करीब आधा दर्जन छोटे- बड़े तालाबों को भरने के लिए काम किया। जो पिछले दो-तीन साल से खाली पड़े थे। उन तालाबों को भंवरपुर के युवा सरपंच कृष्ण कुमार पटेल की भागीरथ प्रयास से कुंती नाला से पानी लाकर ना सिर्फ भरा गया बल्कि गांव के प्रमुख तालाबों को आपस में जोड़ने का भी काम किया गया। इससे गांव के लोगों को निस्तारी की समस्या से मुक्ति मिल गई। साथ में नलकूप और हैंडपंपों का जलस्तर बढ़ गया। इन 50 एकड़ क्षेत्रफल में बटे तालाबों से करीब 250 एकड़ कृषि भूमि की प्यास बुझाई जा रही है। बसना विकासखंड के ग्राम भवरपुर में आधा दर्जन से अधिक तालाब स्थित है।

सरपंच कृष्ण कुमार पटेल ने  बताया कि भवरपुर एक बड़ा गांव है। यहां की जनसंख्या करीब 5 हजार है। हर साल लोगों के सामने पेयजल और निस्तारी की विकट समस्या खड़ी हो जाती है। पिछले दो-तीन सालों से ठीक से बारिश नहीं होने से लोगों को भीषण जल संकट जूझना पड़ा था। इस समस्या को देखते हुए ग्राम पंचायत ने एक कार्य योजना तैयार कर तालाबों को जोड़ने का अभियान शुरू किया। भवरपुर के पास कुंती नाला बहता है। बारिश का पानी नालों से होकर बेकार बहता हुआ नदी में चला जाता है। कुंती नाला में 7.5 एचपी का मोटर लगाया गया कुंती नाला के खेतों से होते हुए अंडर ग्राउंड पाइपलाइन तालाबों तक बिछाई गई। इससे पहले तालाबों को भरा गया। फिर लमठीखाई, इमलीखाई, पूरेना, रानीसागर और मुनिडबरी को भरा गया। आज यह तालाब लबालब भरे हुए हैं। इन तालाबों से ग्रामीण ना सिर्फ नहाने का भरपूर आनंद उठा रहे हैं। बल्कि किसान भी अपनी खेतों की सिंचाई कर खुश हैं। किसानों ने बताया की इन तालाबों के नीचे स्थित करीब ढाई सौ एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई बिना पंप के हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि तालाबों के भरने से खेतों एवं गांव में स्थित नलकूप एवं हैंडपंपों का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। इससे आने वाली गर्मी में निश्चित रूप से पेयजल की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
जल संरक्षण के लिए करना होगा प्रयास

भवरपुर सरपंच कृष्ण कुमार पटेल द्वारा उठाए गए इस कदम की सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है। और अन्य ग्राम पंचायतों के लिए यह एक मिसाल है। शासन को भी जल संरक्षण की दिशा में संजीदा रह कर प्राकृतिक वर्षा और बहते पानी को संरक्षित करने भंवरपुर कि तरह भगीरथ प्रयास करना ही होगा।






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