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मृतकों के नाम पर हर माह दुकानों से ले रहे थे करोड़ों रुपए का चावल, राज्य में सबसे ज्यादा फर्जी राशनकार्ड महासमुंद में मिले.

छत्तीसगढ़ में मृतकों के नाम से हर माह 11 हजार क्विंटल चावल का उठाव किया जा रहा था. ऐसे करीब 40 हजार राशनकार्ड सामने आए हैं, जिनके मुखिया की मौत हो चुकी है. इस फर्जीवाड़े में सबसे आगे महासमुंद जिला है, जहां 4901 ऐसे राशनकार्ड सामने आए हैं. इससे पहले भी मृतकों के नाम पर राशन लिए जाने की शिकायतें मिलती रहीं लेकिन खाद्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.

ऐसा माना जा रहा है कि इन राशनकार्ड से हर माह शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालक चावल का उठाव कर उसे बाजार में खपा रहे थे. अब चूंकि सत्यापन में यह सामने आ चुका है इसलिए अब राशनकार्ड रद्द हो जाएगा.

नवीनीकरण के कुल 58 लाख से ज्यादा आदेव हुए प्राप्त.

प्रदेश में 58 लाख 56 हजार 418 राशनकार्ड के सत्यापन के लिए शिविर लगाया गया. इसके लिए सभी उपभोक्ताओं का राशनकार्ड अपडेट करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए जुलाई में शिविर लगाया और इसके साथ ही सत्यापन के लिए कर्मचारी राशन कार्डधारियों के घर गए. जिनमे पांच केटेगरी में एक तरह से सर्वे किया. इस आधार पर सर्वे होने पर यह पता चला कि प्रदेश में कुल 39 हजार 29 कार्ड तो इसलिए अपात्र हो गए क्योंकि उस परिवार के मुखिया की मृत्यु हो चुकी है.

यदि एक कार्ड में 4 सदस्य मान लें तो प्रति सदस्य 7 किलो के हिसाब से 28 किलो चावल प्रति कार्ड हर माह दिया जा रहा था. जिसमे करोड़ रुपए की हेराफेरी हो रही थी. मृतकों के नाम पर चावल लेने के मामले में 4901 राशनकार्ड के साथ महासमुंद सबसे आगे हैं. दूसरे नंबर पर 4740 कार्ड के साथ रायगढ़ और सबसे कम बीजापुर में 215 कार्ड मिले.

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