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CM के पास पैदल पहुँचे लोगो ने कहा हमारा दुर्भाग्य कि प्रसिद्ध नदियों के बहाव और कई बार सर्वे होने के बाद भी ना जोंक परियोजना मिला और ना ही भारतीय रेल्वे का सुख.

लगभग 60 सालो से क्षेत्रवासी जोक परियोजना, भारतीय रेलवे की सुविधाएं और जिला बनाने को लेकर इंतजार कर रहे है की आखिर कब इनकी मांग पूरी होगी. लेकिन इन मांगों को लगातार सरकारों द्वारा दरकिनार किया जा रहा है. जिससे क्षेत्र वासियों का किसी भी सरकार द्वारा इनकी मांगों को पूरा करना अब सपना बनकर रह गया है. मगर सरकार कब तक इन मांगो पर गंभीर होकर विचार करेगी यह समय ही बताएगा.      

फुलझर अंचल के क्षेत्रवासीयों द्वारा 9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री जी के जन चौपाल में इन बातों को लिखित में देकर इसे जल्द पूरा करने की मांग की है.   इस पत्र में भारतीय रेलवे की मांग, सरायपाली-बसना जिला बनाओ और जोक परियोजना के विस्तारीकरण कर क्षेत्र वासियो को लाभ पहुचाने की मांग की गई है.

आवेदन में बताया गया है कि लोग विगत 50 से 60 सालो से लोवर जोंक परियोजना और रेलवे लाइन की प्रतीक्षा कर रहे है लेकिन आवेदन में इन क्षेत्र को दुर्भाग्य बताते हुए लिखा है प्रसिद्ध बहाव नदिया इस क्षेत्रों में होने के बाद भी आज पर्यन्त जोंक नदी और महानदी पानी का लाभ क्षेत्र वासियो को वंचित किया जा रहा है. इसी प्रकार कई बार सर्वे होने के बाद भी क्षेत्र वासियो को भारतीय रेलवे का लाभ नही मिल रहा है.

क्षेत्रवासियों की मांग है कि लोवर जोंक परियोजना स्वीकृत कर निर्माण प्रारम्भ किया जाए, जोक नदी पर बने बांध वृहद के पानी से गडफुलझर, चनाट, सरायपाली, बसना और साँकरा के अंतिम छोर में बसे किसानों को इसका सीधा लाभ मिले. बताया गया है कि अभिवाजित मध्यप्रदेश में 5 किलोमीटर लम्बा बांध का सर्वे भी हो चुका है

सरायपाली और बसना को जिला बनाए जाने कि मांग और रेल सुविधा के अलावा शिशुपाल पर्वत के बूढा डोंगर को पर्यटन स्थल घोषित कर पर्यटन के रूप में समुचित लाभ एवं संसाधनों के व्यवस्था की मांग की गई है.




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