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राज्य सरकारों और उद्योग जगत ने चालू वित्त वर्ष में 7 लाख प्रशिक्षुओं को रोजगार देने का संकल्प किया

  • युवाओं के बीच प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए अब तक तीसरे पक्षों के साथ 22 समझौते किए गए।
  • अप्रेंटिसशिप पखवाड़ा 2019 के तहत 22 राज्यों में 50 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित की गईं।

राज्य सरकारों और उद्योग जगत की ओर से नई दिल्ली में अप्रेंटिसशिप पखवाड़ा आयोजित किया गया। इसमें चालू वित्त वर्ष में 7 लाख प्रशिक्षुओं को रोजगार देने का संकल्प किया गया। समापन समारोह के साथ यह 15 दिनों का यह आयोजन आज समाप्त हुआ। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे।

अप्रेंटिसशिप पखवाड़े के बाद प्रशिक्षुओं की संख्या लगभग दोगुनी हो गई। सरकार ने 2016 में अप्रेंटिसशिप अधिनियम, 1961 में व्यापक सुधार किए थे। इस कदम से ढाई वर्षों के दौरान प्रशिक्षुओं की संख्या 7.5 लाख हो गई।

अप्रेंटिसशिप पखवाड़े में उद्योग जगत ने 4.5 लाख और राज्य सरकारों ने 2.5 लाख अतिरिक्त प्रशिक्षुओं को रोजगार देने का संकल्प किया। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने मांग-आधारित और उद्योग से जुड़े कौशल विकास बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकारों के लिए 560 करोड़ रुपये देने का आश्वासन दिया और तीसरे पक्षों के माध्यम से विभिन्न राज्य सरकारों के साथ 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल), कोचिन शिपयार्ड, गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल), भारतीय पर्टयन विकास निगम (आईटीडीसी) और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ), राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) सहित 8 सार्वजनिक उपक्रमों ने लगभग 35,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने का संकल्प किया। इसके अलावा हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के लिए सौर तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने के लिए एनएसटीआई मुम्बई के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

अप्रेंटिसशिप पखवाड़े के दौरान, उद्योग जगत और राज्य सरकारों के सहयोग से देश भर में अनेक कार्यशालाओं और सम्मेलनों का आयोजन किया गया।     




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