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कैबिनेट की बैठक में हुए अहम फैसले, नागरिकता संशोधन विधेयक को मिली हरी झंडी

देश के अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने से लेकर सामाजिक सरोकारों के लिये मोदी सरकार ने आज कई अहम फैसले लिये है... देश के पहले कॉरपोरेट बॉन्ड को भी हरी झंडी दी गई है तो निजी डेटा संरक्षण का प्रावधान भी किया गया है... सरकार ने नागरिकता अधिनियम को संशोधन को मंदूरी दे दी है तो लोकसभा/विधानसभा में SC/ST रिजर्वेशन की मियाद बढ़ाने का फैसला लिया भी लिया है। क्या है अहम फैसले देखिये ये रिपोर्ट।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश के तमाम वर्गों के कल्याण के लिए बहुत से अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट ने न केवल कई नए विधेयकों को मंजूरी दी बल्कि देश के पहले कॉरपोरेट बॉन्ड भारत एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF को भी हरी झंडी दी। कैबिनेट ने सबसे अहम फैसले के तहत नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है।

विधेयक में 1955 के नागरिकता अधिनियम को संशोधन करने का प्रावधान है। इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए 6 अल्पसंख्यक समुदाय के उन लोगों को नागरिकता का प्रावधान है जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो। इन अल्पसंख्यकों में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई  शामिल हैं।

कैबिनेट ने निजी डेटा संरक्षण विधेयक 2019 को भी मंजूरी दे दी है। इस विधेयक में निजी डेटा के संचालन के संबंध में ढांचा तैयार करने की बात कही गई है जिसमें सार्वजनिक एवं निजी निकायों के आंकड़े भी शामिल हैं। यह विधेयक संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जायेगा।

सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार जल्द ही संसद में निजी डेटा के संरक्षण के बारे में एक संतुलित विधेयक पेश करेगी। हालांकि सरकार के  विधेयक के प्रावधानों का खुलासा नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि इसमें निजी डेटा हासिल करने, भंडारण और एकत्र करने के बारे में व्यापक दिशानिर्देश होने के साथ ही व्यक्तियों की सहमति, दंड, मुआवजा, आचार संहिता और उसे लागू करने के मॉडल का भी उल्लेख होगा।

कैबिनेट का एक और अहम फैसला ईटीएफ की मंजूरी से जुडा है। सरकार ने बांड में निवेश किए जाने वाले भारत बांड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ के नाम से एक साझा निवेश कोष शुरू करने प्रस्ताव को  हरी झंडी दे ही है। जिसके यूनिटों में निवेश करने वालों का पैसा सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी संठनों के बांड में लगाया जाएगा।

कैबिनेट के अन्य फैसलों की बात करें तो कैबिनेट ने लोकसभा/विधानसभा में SC/ST रिजर्वेशन की मियाद बढ़ाने का फैसला लिया है। इस आरक्षण की मियाद 25 जनवरी, 2020 को खत्म हो रही थी, जिसे अब 10 साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक को मंजूरी दी गयी है । इसके तहत संस्कृत के तीन डीम्ड विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में परिवर्तित किया जायेगा ।  कैबिनेट ने प्रगति मैदान में विश्व स्तरीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र के लिये 3.7 एकड़ भूमि के हस्तांतरण को मंजूरी दी है ।  प्रगति मैदान का संचालन करने वाला भारतीय व्यापार प्रोत्साहन संगठन आईटीपीओ एक वृहद परियोजना को आगे बढ़ायेगा जिसके तहत भूमि का पुनर्विकास अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र तैयार करने में किया जायेगा । आईटीपीओ प्रगति मैदान में 3.7 एकड़ भूमि को 99 वर्ष के पट्टे पर हस्तांरित करेगा। यहां एक पांचसितारा होटल भी तैयार किया जायेगा । कैबिनेट ने श्रम सुधारों से जुड़े एक बिल को भी मंजूरी दी गयी है ।

कैबिनेट ने रेल के क्षेत्र में रणनीतिक परियोजनाओं पर सहयोग से संबंधित भारत और जर्मनी के बीच  अनुबंध को मंजूरी दी तो साथ ही भारत निर्वाचन आयोग और मालदीव के चुनाव आयोग के बीच चुनाव प्रबंधन एवं प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग के लिए एमओयू को मंजूरी दी।




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