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ईपीएफ आधारित न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने को लेकर राजधानी में रैली

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक किये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर पेंशनभोगियों ने शनिवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली की और रास्ता रोको अभियान चलाया।

देश के करीब 27 राज्यों से आये पीड़ित पेंशनभोगियों ने यह भी कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो आने वाले समय में आंदोलन तेज करेंगे। संगठन का कहना है कि तीस-तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिकतम 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं। इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर-बसर करना कठिन है।

ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (सेवानिवृत्त) ने एक बयान में कहा कि पेंशनभोगी महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं तथा ईपीएस 95 के दायरे में नहीं आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने की मांग कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री आवास तक विरोध मार्च निकाला कि उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया।

समिति के महासचिव वीरेंद्र सिंह ने उम्मीद जतायी कि सरकार पेंशनभोगियों की आवाज़ सुनेगी और माँगों को पूरा किया जाएगा।उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो आगामी 25 जनवरी से पूरे देश में जन-आंदोलन चलाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है। इसके अलावा पेंशन कोष में सरकार भी 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है।

राउत ने कहा है कि कर्मचारियों का पेंशन बढ़ाने से सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और उन्होंने इस बारे में श्रम मंत्री को अपनी पूरी रिपोर्ट सौंपी है।




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