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ऐतिहासिक नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को मिली लोकसभा की मंजूरी

लोक सभा में लंबी बहस के बाद नागरिकता संशोधन बिल 2019 हुआ पारित, बिल के पक्ष में 311 और विपक्ष में पड़े 80 वोट, पीएम मोदी ने कहा, यह विधेयक भारत के सदियों पुराने लोकाचार और मानवीय मूल्यों में विश्वास के है अनुरूप। बिल के तहत 6 पीड़ित अल्पसंख्यक समुदायों हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाईयों को मिल सकेगी भारतीय नागरिकता।

लोकसभा ने ऐतिहासिक नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पारित कर दिया है। विधेयक के पक्ष में 311 सदस्यों ने जबकि विरोध में 80 सदस्यों ने मत दिया। अमित शाह ने विधेयक 2019 को लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि यह संशोधन देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। इस बिल के माध्यम से सकारात्मक रूप से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के आए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को शरण में लिया जा सकेगा।

नागरिक संशोधन विधेयक पर जबाव देते हुए अमित शाह ने कहा कि यह बिल किसी तरह से गैर संवैधानिक नहीं है और न ही किसी प्रकार का उल्लंघन है। अमित शाह ने कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ और धर्म के आधार पर पाकिस्तान का निर्माण हुआ। इस सच्चाई को सभी को स्वीकारना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस धर्म के आधार पर देश के विभाजन के लिए राज़ी नहीं हुई होती, तो इस विधेयक में संशोधन की ज़रूरत ही नहीं होती।

गृह मंत्री ने कहा कि इस देश में धर्म के आधार पर कभी भी भेदभाव नहीं किया गया। देश में विभाजन के समय पाकिस्तान में जितनी अल्पसंख्यकों की थी आज उतनी नहीं है। लेकिन भारत में विभाजन के बाद अल्पसंख्यकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार इस देश में सभी को सुरक्षा और सब को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए उत्तर-पूर्व राज्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने राज्यों के नाम लेते हुए कहा कि ये इनर लाईन परमिट से सुरक्षित हैं।

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुशी जताई है। उन्होंने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि समृद्ध और व्यापक बहस के बाद लोकसभा में इस बिल के पारित होने से खुश हूं। पीएम मोदी ने बिल का समर्थन करने वाले दलों को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि लोकसभा ने एक समृद्ध और व्यापक बहस के बाद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया है। मैं विभिन्न सांसदों और पार्टियों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने विधेयक का समर्थन किया। यह विधेयक भारत के सदियों पुराने लोकाचार और मानवीय मूल्यों में विश्वास के अनुरूप है। मैं नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के सभी पहलुओं को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की विशेष रूप से सराहना करता हूं। उन्होंने लोकसभा में चर्चा के दौरान संबंधित सांसदों द्वारा उठाए गए विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत जवाब भी दिया।




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