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एससी/ एसटी आरक्षण को 10 साल और बढ़ाने से जुड़े संविधान संशोधन बिल को मंजूरी

संसद ने लोकसभा और विधानसभाओं में एससी/ एसटी आरक्षण को 10 साल और बढ़ाने से जुड़े संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है। साथ ही राज्यसभा ने IFSC बिल भी पास कर दिया है। निजी डाटा संरक्षण बिल को संयुक्त समिति को भेजने का सरकार का प्रस्ताव मंजूर कर लिया तो निचले सदन में दिवाला और दिवालियापन संहिता (दूसरा संशोधन) बिल पेश हुआ ।

गुरूवार को संसद के दोनो सदनों में लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कई अहम सवालों के जबाब दिये गये। शून्यकाल में कई मुद्दों को सदस्यों ने उठाया। उच्च सदन में चर्चा के बाद लोकसभा और विधानसभाओं में एससीएसटी आरक्षण को 10 साल और बढ़ाने से जुड़े 126 वें संविधान संशोधन बिल को पारित कर दिया है। ये बिल पहले ही लोकसभा में पारित हो गया है। ये आरक्षण 25 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा था अब इसे 10 साल के लिये और बढ़ाने का प्रस्ताव है।  

इससे पहले राज्यसभा ने निजी डाटा संरक्षण बिल को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजने की सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। समिति बजट सत्र में अपनी रिपोर्ट संसद को देगी। शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में बीजेपी के जीवीएल नरसिम्हा राव ने मुंबई आतंकी हमले के षडयंत्रकारी हाफिज सईद की सुनवाई पाकिस्तान में नहीं बल्कि किसी अंतरराष्ट्रीय अदालत में किए जाने की मांग की।

दोपहर बाद लोकसभा में फसलो के नुकसान और किसानों पर प्रभाव को लेकर चर्चा का जबाब केंन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दिया।उन्होने बताया कि सरकार किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के लिये कई कदम उठा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि कम पैदावार के चलते प्याज की कीमतें बढ़ी है।

विधायी कामकाज की बात करे तो दोपहर बाद सेंट्रल संस्‍कृत यूनिवर्सिटी बिल चर्चा के बाद पारित किया गया।लोकसभा में विरोध के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (दूसरा संशोधन) बिल भी पेश किया। यह संशोधन कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रक्रिया को व्यवस्थित करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए है।

संसद के दोनो सदनों में विधायी कामकाज को लेकर जमकर प्रगति देखने को मिली है।संसद के मौजूदा सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन है।




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