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सरकार वित्तीय क्षेत्र में समस्याओं से निपटने के लिये और कदम उठा सकती है: नीति आयोग

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि सरकार वित्तीय क्षेत्र की समस्याओं से निपटने के लिये और कदम उठा सकती है।

सेबी के पूर्व चेयरमैन यू के सिन्हा की किताब के विमोचन के मौके पर कुमार ने कहा कि देश जो स्थिति का सामना कर रहा है, वह काफी अलग है।

कुमार ने कहा, ‘‘कर्ज का बाजार ठप है। सरकार के अच्छे से अच्छे प्रयासों के बावजदू यह स्थिति है...मुझे लगता है कि अब कुछ और पहल होने वाली है ताकि इस प्रकार की प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न नहीं हो। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम जैसे लोग जो भारत के आर्थिक विकास में रूचि रखते हैं, चाहे वे सरकार में हो या सरकार से बाहर उन्हें इन स्थिति पर और गहराई से गौर करना चाहिए। ..कर्ज की वृद्धि के मामले जो कुछ हो रहा है, बांड बाजार के साथ जो कुछ हो रहा है, एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) में जो रहो रहा है, मुझे नहीं लगता कि इसका कोई फौरी समाधान है।’’

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल अगस्त से अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये कई कदम उठाये हैं। इसमें आवास वित्त कंपनियों के लिये नकदी समर्थन, एनबीएफसी की अच्छी रेटिंग वाली संपत्ति (पूल एसेट) खरीदने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एकबारगी आंशिक कर्ज गारंटी तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय शामिल हैं।

कुमार ने कहा कि देश में 92,000 शहरी और ग्रामीण सहकारी रिण संस्थाएं हैं। ये काफी बिखरे हैं और इसमें से केवल 500 काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसके लिये गहराई से अध्ययन की जरूरत है। आरबीआई का शोध विभाग यह करने की स्थिति में है। इस बार इस मामले का अध्ययन सावधानीपूर्वक करने की जरूरत है...।’’ (भाषा)




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