ब्रू विस्थापितों के लिए मोदी सरकार की बड़ी पहल, 25 साल बाद विस्थापितों को मिलेगा अपना आशियाना
मिज़ोरम से विस्थापित हुए 30,000 से ज्यादा ब्रू आदिवासियों को त्रिपुरा में आशियाना मिलेगा। गृहमंत्री अमित शाह, त्रिपुरा, मिज़ोरम के मुख्यमंत्री और ब्रू समुदाय के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में त्रिपक्षीय समझौता हुआ।
केन्द्र सरकार ने कल त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों तथा ब्रू समुदाय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर कर 22 साल पुरानी ब्रू शरणार्थी समस्या का हल निकाल दिया है। समझौते पर गृहमंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथंगा और अन्य लोगों की उपस्थिति में नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गये। इस समझौते के अनुसार 30 हजार से अधिक शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जायेगा।
ये अंगुलियाँ मोदी सरकार के एक और कामयाबी की गाथा लिख रही हैं. इन कलमों से 30 हज़ार से ज़्यादा लोगों का सुनहरा भविष्य लिखा जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा त्रिपुरा एवं मिज़ोरम के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में ब्रू शरणार्थियों की 25 साल पुरानी समस्या का समाधान हो गया. समझौते के तहत ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा में ही जमीन और अन्य सुविधाएं देकर बसाने का फैसला हुआ है.
ब्रू शरणार्थियों के लिए बड़े राहत पैकेज का भी एलान गृह मंत्री ने किया है.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि इससे मुद्दे का स्थायी हल निकलेगा तो त्रिपुरा के CM ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की वजह से सम्भव हो पाया है.
जातीय दंगों के चलते साल 1997 में काफी संख्या में ब्रू शरणार्थि अपना राज्य मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा आ गए थे,जहां वो कई कैंप में रह रहे थे. साल 2018 में केंद्र की पहल पर हुए समझौते के तहत उनके लिए मिज़ोरम में वापसी की व्यवस्था हुई थी, लेकिन काफी कम लोगों ने उस अवसर का इस्तेमाल किया. अब ब्रू शरणार्थियों की मांग पर त्रिपुरा में ही उनके रहने की व्यवस्था हुई है.