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जिले के महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्रियों की हो रही बिक्री

महासमुन्द 17 जनवरी 2020/ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक विकास तथा जिविकोपार्जन के लिए विशेष कार्य किया जा रहा है। इसके तहत जिले के समस्त विकासखंडों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा विभिन्न प्रकार के सामग्री का उत्पादन किया जा रहा है।

जिला प्रशासन के विशेष पहल पर जिले के महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादित सामग्रियॉं वासिंग पाउडर, फिनाइल, साबुन, टायलेट क्लीनर, शैम्पू, फेशवाश, हेण्डवाश, नील, मोमबत्ती, अगरबत्ती, धूपबत्ती, दिया, हवनकुण्ड, आचार, पापड़, बड़ी, मसाला, जिमीकंद, मशरूम, मशाला, तिल लड्डू, मुर्रा लड्डू, मूंगफल्ली लड्डू, दोना पत्तल, एल.ई.डी. बल्ब, जूट/पेपर बैग, मिट्टी के बर्तन, चटाई, बांस से उत्पाद सामग्री, जैविक खाद, सिनेटरी पैड, कीट नाशक दवाईयॉं आदि को सिरपुर ब्राण्ड के नाम से विक्रय हेतु बाजार में उपलब्ध कराया जावेगा।

उपरोक्त सिरपुर ब्राण्ड का प्रचार-प्रसार होते ही बाजार में वाशिंग पाउडर की 1250 किलोग्राम, फिनाइल 300 लीटर, साबुन 500 नग, हारपिक 200 नग, नील 400 नग, अगरबत्ती 400 नग, तिल तथा मूंगफल्ली की लड्डू 200-200 नग, एल.ई.डी. बल्ब 1400 नग, आर्टिफिशियल ज्वेलरी 100 पैकेट की मांग स्व सहायता समूहों से किया गया है।

विभिन्न विकासखंडो में महिला स्व-सहायता समूहों को गृह उत्पाद निर्माण करने हेतु देना आर.सी.टी. द्वारा प्रशिक्षण तथा आजीविका मिशन द्वारा चक्रीय निधि की राशि भी उपलब्ध कराया गया है। इनके द्वारा विभिन्न आजिविका गतिविधियों के साथ गौठान में जैविक खाद निर्माण, गोबर से दिया, कीटनाशक दवा, गोबर से उत्पाद कंडा, गमला, इत्यादि सामग्री का उत्पादन किया जाता है। कुछ समूहों द्वारा 5, 7 एवं 9 वाट एल.ई.डी. बल्ब का निर्माण भी किया जा रहा है।

जिला प्रशासन के इस प्रयास से स्व-सहायता समूहों में कार्यरत महिलाओं का आने वाले समय में आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बेहतर परिणाम देखने को मिलेगा। इससे महिलाएं अपने प्रयास और प्रशासन की योजना का लाभ उठाकर आर्थिक रूप से मजबूत होंगी साथ ही जिविकोपार्जन तथा आत्म निर्भर के लिए प्रेरित होंगे।




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