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सरायपाली – 15 लाख हड़पने सरपंच ने गड़ी लूट की झूठी कहानी

शिकायतकर्ता ही निकला आरोपी, बैग में पैसे के बजाय भरे थे लकड़ी के गुटके पुलिस की गिरफ्त में चार आरोपी 2 की हो रही है सरगर्मी से तलाश.

सरायपाली:- शहर में सोमवार को हुए 1500000 रुपए की उठाईगिरी का मामला पूरी तरह झूठा निकला उठाईगिरी का शिकार होने वाला व्यक्ति ही इसका मुख्य आरोपी है. अपने बेचे गए जमीन को पुनः प्राप्त करने के लिए जिसे पुलिस ने 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया इसमें शामिल 6 अपराधियों में से  अब तक 4 को गिरफ्त में लेकर पुलिस जांच कर रही है. बैग लेकर फरार होने वाले दो फर्जी लुटेरों की तलाश में पुलिस जुट गई है.

बैग में नोट नहीं बल्कि लकड़ी का गड्डी था पुलिस से जानकारी के मुताबिक ग्राम खरखरी का निवासी मौजूदा सरपंच लक्ष्मण प्रधान सरपंच चुनाव के चलते कुछ वर्ष पूर्व अपने 3 एकड़ 17 डिसमिल की जमीन को ₹800000 में उसी गांव के ही नारायण साहू जो शहर से पतरापाली में रहता है उसे बेच दिया. सरपंच बनने के लिए उसको जमीन बेचनी पड़ी यह बात उसे हमेशा खटकती रहती थी उसको यह शर्मिंदगी होती थी कि सरपंच होकर भी वह नहीं खरीद सका. इस वजह से अपनी जमीन को पुनः लेने के लिए उस जमीन के पास जाकर अपना दुखड़ा सुनाता था और उसी बात को लेकर आते रहता था. नारायण से भी जमीन वापस कराने हेतु हामी भर दी. इसके लिए वर्तमान में जो बाजार भाव चल रहा है जमीन का सौदा साढ़े 15 लाख रुपये में तय हुआ. आये दिन आज कल पैसा लेकर आएंगे कहकर परिवार सहित आरोपी सरपंच पतरापाली नारायण के पास पहुंच जाता था


सोमवार 23 अप्रैल को तय हुआ रकम लाना

बातचीत के अनुसार लक्ष्मण प्रधान पिता चंद्रभूषण प्रधान 30 साल अपनी पत्नी पिंकी प्रधान, अपने दोनों बच्चे, लक्ष्मण की मां, उसके ससुर के आलावा वाहन चालक किराय की मारुती वैन कर पतरापाली पहुंचे वहां पूर्व नियोजित योजना के मुताबिक मारुती  से उतरकर उसके ससुर एवं मां घर के भीतर प्रवेश किए पीछे पीछे लक्ष्मण एवं उसके बच्चे भी दाखिल हुए. सरपंच की पत्नी पिंकी नोटों से भरे बैग पकड़कर जैसे ही बाहर निकली उसी समय दो नाकाबपोश चंदन साहू एवं व्यास ग्राम संपलाहर ओडिशा जो इनके द्वारा बुलाया गया था वहीं से लेकर रफूचक्कर हो गए इस कहानी को लेकर थाने में लक्ष्मण प्रधान ने नारायण को साथ लेकर पुलिस में शिकायत की देखकर धारा 392 के तहत मामला भी दर्ज कर लिया था

घटना को अंजाम देने के पीछे यह थी वजह

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी सरपंच लक्ष्मण ने घटना को अंजाम देने के पीछे नारायण को फंसाने की साजिश थी उसके मुताबिक पैसा उठाईगिरी हो जाने के बाद इसका आरोप सतनारायण के ऊपर जाएगा अगर योजना सफल हो जाता है तो और उसके बीच समझौता होता तो बेचे गए जमीन उसी को वापस मिल जाता.

दोनों आरोपियों को पकड़ने टीम रवाना

एसडीओपी ने बताया कि जो नकाबपोश थे उन दिनों आरोपियों अपनों को भी पुलिस की 4 टीम विभिन्न जगहों में ढूंढने के लिए रवाना की गई है. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ में ही इसमें शामिल सभी लोगों के बयान अलग अलग लगे इसी के अनुसार जांच की गई जिससे तुरंत सफलता मिली

साढ़े 6 हजार के असली नोटों को लकड़ी में चिपकाकर 1500000 की शक्ल दी

लक्ष्मण कुल 15 लाख 17 हजार रुपए लकड़ी से बनाए बंडल लेकर आया था जिसमें उसने असली साडे ₹6000 ही थे इस काम के लिए उसने पड़ोसी गांव जामदल का निवासी महेंद्र के साथ जगदीश साहू का भी सहयोग लिया गया. पुलिस के अनुसार आरोपियों का मंसूबा नारायण के सामने ही घटना को अंजाम देने की थी. लेकिन नारायण तथा सभी सदस्य घर के अंदर थे जैसे ही उसकी पत्नी घर पहुंची तो अंदर जाकर चीखने चिल्लाने लगी और घटनाक्रम को बताई बरहाल पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह एवं के निर्देशन में क्राइम ब्रांच एवं स्थानीय पुलिस की टीम ने 24 घंटे के अंदर ही इस घटना का उजागर कर दिया.

 





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