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बसना : अनुदेशकों की कमी से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की शिक्षा चौपट

सरकार एक ओर युवाओं को व्यावसायिक, तकनीकी एवं कौशल विकास की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना चला रही हैं। दूसरी ओर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशक, अधीक्षक सहित कई कर्मचारियों की टोटा होने से छात्रों को परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 1997-98 में स्थापित रोजगार परक तकनीकी शिक्षा देने के लिए विकासखंड में एक मात्र औद्योगिक प्रशिक्षण है। जो नियमित रूप स्वीकृत पदों के अनुरूप आज तक अनुदेशकों शिक्षकों की कमी अब तक पूरी नही हो सकी। जिससे यहां पढ़ने वाले छात्रों को संस्थान कैसे तकनीकी रूप से दक्ष कर रहा होगा अबूझ पहेली से कम नही है। आईटीआई 05 ट्रेडों के लिए 200 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण है। जिसमे 05 ट्रेडों के 10 बैच के लिए स्वीकृत 11 अनुदेशकों महज 06 अनुदेशकों की तैनाती है। बीएमसी और वेल्डर 02 ट्रेड में एक भी अनुदेशक नही है पूरा अनुदेशकों के पद रिक्त है। अधीक्षक सहित अनुदेशकों की कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था चरमरा गयी है।

अनुदेशकों कमी के कारण मुख्य विषयों में पढ़ायी के लिए औपचारिकता बस निभाई जा रही है। अनुदेशकों पदों पर जल्द कार्यवाही के लिए छात्रों ने विधायक सहित मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के ममता साहू, सुमन साव, विशाखा, फुलेश्वर यादव, पुरन्दर सहित दर्जनो छात्रों ने बताया कि औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र में 200 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है जिसमें कोपा में 48 फिटर 40 इलेक्ट्रीशियन में 40, बीएमसी में 48 और वेल्डर में 40 छात्र व छात्राएं पंजीकृत हैं।

इनको सिखाने के कोपा में 02, फिटर 02, इलेक्ट्रीशियन 01 एक पद खाली जबकि बीएमसी और वेल्डर एक भी अनुदेशक नही है दोनो में दो-दो पद रिक्त है कुल 05 अनुदेशकों के पद रिक्त है। फरवरी 2022 से कोपा और फिटर ट्रेड को छोड़कर बीएमसी ट्रेड के 1 पद संविदा पर शासन द्वारा नियुक्ति की गयी थी। जो सेवा समाप्ति के पद रिक्त है जबकि वेल्डर के अनुदेशक द्वारा अपना स्थानांतरण दूसरे जगह करा लेने के बाद दो ट्रेंड में एक भी अनुदेशक नही जबकि इलेक्ट्रीशियन ट्रेंड में एक पद रिक्त है। अनुदेशकों के कमी के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। रोजाना पढ़ाई के लिए तो आते है लेकिन बिन अनुदेशक ऐसे ही वापस चले जाते है। और यहां रखे उपकरण धूल खा रहे है। हर महीने पत्राचार के बावजूद भी इन संस्थानों की दशा नहीं सुधर रही है। जिसे लेकर स्थानीय विधायक राजा देवेन्द्र बहादुर सिंह और मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को पत्र लिखा गया है अगर जल्द ही रिक्त पदों पूर्ति नही गई तो आंदोलन करेंगे।

संस्थान के प्रभारी अधीक्षक कैवर्त ने बताया कि अनुदेशकों की रिक्त पदों के लिए उच्च अधिकारियों को पत्राचार किया गया है।




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