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बसना तहसीलदार पर निजी भूमि से कब्ज़ा हटाकर दुसरे को देने का आरोप.

बसना तहसील के एक गाँव में शासकीय रिकार्ड में दर्ज स्वयं की भूमि पर काबिज व्यक्ति को हटाकर अन्य व्यक्ति को देने का मामला सामने आया है. जिसके बाद खुद की जमीन को वापस पाने के लिए पीड़ित दर-दर की ठोकरें खा रहा है. लेकिन उसे न्याय नहीं मिल रहा है.

मामले पर आरोप सीधे बसना तहसीलदार पर लग रहे हैं. पीड़ित ने इस मामले की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली और जिला कलेक्टर महासमुंद से की है. लेकिन शिकायत के बावजूद पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलने से कल इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करने की तैयारी में है.

मामला तहसील अंतर्गत ग्राम बिछिया का है, जहाँ के पीड़ित परिवार ने बताया कि 3 मार्च 2022 को बसना तहसीलदार द्वारा खसरा नंबर 64/2 से अहिल्या पति भरतलाल के नाम पर अवैध कब्ज़ा हटाने के सम्बन्ध में बेदखली वारंट जारी किया गया था. जिसके बाद 29 मार्च 2022 को तसीलदार ने राजस्व विभाग की टीम सहित पुलिस बल के साथ खसरा नंबर 60/1 में अहिल्या पति भरतलाल के नाम पर दर्ज भूमि में से 12 मीटर भूमि पर पीड़ित परिवार का दीवार तोड़कर पंकजनी पति भक्तचरण गढ़ातिया को कब्ज़ा दिला दिया. 

वहीं मौके पर जब पीड़ित परिवार ने इसका माप-जोक कर तहसीलदार से सीमांकन की मांग की तो पीड़ित परिवार के तीन लोगों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

पीड़ित परिवार का कहना है कि खसरा नंबर 64/2 पर उनका कब्ज़ा नही था, लेकिन उनके नाम पर खसरा नंबर 64/2 में बेदखली वारंट जारी कर उन्हें स्वयं की काबिज की हुई भूमि खसरा नंबर 60/1 से कब्ज़ा हटाकर उनकी दीवार तोड़कर गाँव के सरपंच के परिवार के पंकजनी पति भक्तचरण गढ़ातिया को दे दिया.

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि तहसीलदार बसना द्वारा बिना जाँच परख किये नियम के विरुद्ध अनावेदक के परिवार के राजनैतिक दवाब में आकर उनकी स्वयं की भूमि पर अनावेदक को कब्ज़ा दे दिया.

पीड़ित परिवार ने बताया कि अनावेदक के परिवार का एक व्यक्ति जनपद सदस्य, एक गाँव की सरपंच तथा एक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में सदस्य है, जिन्हें कब्ज़ा मिलने के बाद वहां तार का घेराव कर दिया गया है. जिसकी बाद पीड़ित परिवार के खसरा नंबर 60/1 में अपनी निजी भूमि पर जाने के लिए रास्ता भी नहीं बचा है.

पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2004 में हेमो पति भगवानो से करीब 2.5 एकड़ जमीन खरीदी थे, जिसमे से 12 मीटर जमीन को तहसीलदार बसना द्वारा अनावेदक के परिवार को नियम के विरुद्ध कब्ज़ा दे दिया गया है.

पीड़ित परिवार ने बताया कि तहसीलदार बसना ने अपना पद का दुरुपयोग करते हुए, मानवीय भावनाओं ठेस पहुंचाते हुए सवैधानिक कर्तव्यों को दरकिनार किया है. जिससे आम लोगों का शासन-प्रशासन पर से विश्वास उठ रहा है. अत: उन्हें न्याय दिलाने हेतु दोषी अधिकारी पर कार्यवाही किया जाए, ताकि छोटे किसानों और लोगों का शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बना रहे.

बसना तहसील अंतर्गत दिनों-दिन शासकीय भूमि पर अवैध कब्ज़ा बढ़ता जा रहा है, कार्यवाही के आभाव में लागातार भू-माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. शासन-प्रशासन का बढ़ रहे अवैध कब्जों पर कोई नियंत्रण नहीं है. इसी बीच तहसीलदार पर एक व्यक्ति द्वारा स्वयं के नाम पर दर्ज भूमि पर से कब्ज़ा हटाकर अन्य व्यक्ति को देना यह एक अत्यंत ही गंभीर मामला है, जिसकी निष्पक्ष जाँच कर कार्यवाही होनी चाहिए.

"जब पटवारी एवं आरआई के द्वारा सीमांकन करके दिखा दिया गया है तो मौके वाली बात कहा से आती है। अभी ड्यूटी में हूं बाद में बात करता हूं।"

रामप्रसाद बघेल, तहसीलदार बसना




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