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9 तटीय राज्यों में समुद्री किनारों, नदी के तटों और झीलों की सफाई के लिए 19 दलों का गठन

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने विश्व पर्यावरण दिवस, 2018 को देखते हुए देश में समुद्री किनारों, नदी तटों और झीलों की सफाई के लिए 19 दलों का गठन किया है। 9 तटीय राज्यों (सूची संलग्न) के लगभग 24 समुद्री किनारों और 19 राज्यों (सूची संलग्न) के 24 नदी तटों की सफाई कराई जाएगी। सूचीबद्ध नदियों के अलावा दिल्ली में यमुना नदी तटों की सफाई के लिए भी एक विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा। सफाई के लिए कुछ झीलों और जल निकायों की भी पहचान की गई है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गठित इन 19 दलों में मंत्रालय, राज्य नोडल एजेंसियों, स्कूल के इको-क्लब के प्रभारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, जिला प्रशासन, तटीय इलाकों में स्थित फिशरीज़ कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक/अनुसंधान संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। सफाई अभियान के दौरान इन दलों में स्कूली बच्चे, कॉलेज छात्रों और स्थानीय समुदायों को भी शामिल किया जाएगा। मंत्रालय इको-क्लब स्कूलों को भी सफाई अभियान से जोड़ेगा, जिन्हें राष्ट्रीय हरित कोर कार्यक्रम के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा मदद उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

प्रत्येक समुद्री किनारों, नदी तट और झील की सफाई के लिए 10 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। पुरातात्त्विक महत्व के स्थलों के चारों तरफ भी सफाई कराई जाएगी। सफाई का काम 15 मई से शुरू हो चुका है जो 5 जून तक चलेगा। इस दौरान, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, पहेली प्रतियोगिता, वाद-विवाद और जागरूकता रैलियां भी निकाली जाएंगी।    

मंत्रालय के इस कार्यक्रम को प्रत्येक राज्य में क्रियान्वित करने का जिम्मा राज्य नोडल एजेंसियों को दिया गया है। प्रत्येक राज्य में मंत्रालय ने राज्य नोडल एजेंसियों और जल निकायों के पास स्थित फिशरीज़ कॉलेजों के सांस्थानिक प्रमुखों की सलाह से सफाई के लिए जल निकायों की पहचान की है। सफाई कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्र शामिल होंगे। इसमें एनजीओ, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), तट रक्षक और आम नागरिक भी शरीक होंगे। झाड़ू, टोकरी, बच्चों के लिए दस्ताने, कूड़ादान जैसे सफाई के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे और परिवहन की भी व्यवस्था की जाएगी। स्थानीय नगर निगम अधिकारियों की मदद से समुद्री किनारों और नदियों से निकले कचरे को निर्धारित जगहों पर निपटान कर दिया जाएगा।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने देश भर के स्कूलों के प्राचार्यों को अपने स्कूलों/संस्थानों को प्लास्टिक से मुक्त घोषित करने का आग्रह करते हुए चिट्ठी लिखी है। मंत्रालय प्लास्टिक मुक्त होने पर स्कूलों को प्रमाण पत्र देगा और निम्न गतिविधियों के जरिए मिशन के तौर पर प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों को प्रकाशित करेगा।

  • स्कूलों में प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक वाटर बॉटल, प्लास्टिक कप इत्यादि जैसे प्लास्टिक के सामानों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी।
  • -स्कूलों/कॉलेजों के आस-पास के इलाकों में जल निकाय, तालाब, दलदली भूमि, समुद्री किनारों, पर्यावरण संवेदी इलाकों इत्यादि को गोद लेकर उन्हें प्लास्टिक मुक्त कराया जाएगा।
  • अप्रैल और मई के समुद्री किनारों छुट्टियों के दिन सफाई अभियान चलाया जाएगा।

 

कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्लास्टिक मुक्त संस्थानों को ‘ग्रीन स्कूल/कॉलेज’ शीर्षक से प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगे।

इस साल पर्यावरण दिवस का थीम ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ है।






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